
गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा पश्चात शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द: सहसपुर लोहारा पधारे
“बद्रीनाथ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी का 31अक्टूबर लक्ष्मी पूजन के दिन हुआ सहसपुर लोहारा-कवर्धा आगमन
सहसपुर लोहारा – बद्रीनाथ के परम पूज्य शंकराचार्य उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती जी महाराज श्री का गौ ध्वज स्थापना भारत यात्रा पश्चात छत्तीसगढ़ आगमन हुआ, इसी कड़ी में शंकराचार्य जी का प्रतिवर्षानुसार 31 अक्टूबर गुरुवार को दीपावली के पावन अवसर पर लक्ष्मी पूजन के दिन सलधा से साजा, खम्हरिया, रणवीरपुर, सिल्हाटी होते हुए 12:00 बजे सहसपुर लोहारा में श्री शंकराचार्य जी के कृपापात्र शिष्य पण्डित देव दत्त दुबे के निज निवास श्री गुरुकृपा प्रसादम् में शंकराचार्य स्वामि: श्री अविमुक्तेश्वरानन्द: सरस्वती जी महाराज श्री का दिव्य मंगलमय पदार्पण हुआ, इस अवसर पर आतिशबाजी, शहनाई , पारम्परिक वाद्य यंत्रों फूल मालाओं से शंकराचार्य जी का अभूतपूर्व स्वागत किया गया । श्री गुरु कृपा प्रसादम् पधारने पर समस्त राजपुरोहीत दुबे परिवार ने शंकराचार्य जी का पादुका पूजन किया, शंकराचार्य जी ने अपने प्रिय पण्डित देव दत्त दुबे जी से कुशल क्षेम पूछते हुए स्वास्थ्य की जानकारी लेते हुए पुरे परिवार को अपना आशीर्वाद प्रदान किया । नगर एवं क्षेत्र वासियों को शंकराचार्य जी का दिव्य दर्शन प्राप्त हुआ।
श्री गुरुकृपा प्रसादम् में पादुका पूजन पश्चात पूज्य शंकराचार्य जी 01:00 बजे राजमहल पधारे जहाँ राजा खड्गराज सिंह ने परिवार सहीत शंकराचार्य जी का पादुका पूजन किया एवँ स्वर्गीय राजा क्षत्रपाल सिंह जी के नाम से सहसपुर लोहारा क्षेत्र के 12 किलोमीटर के दायरे में देशी गौ माता के लिए गौ शाला खोलने की इच्छा प्रकट की जिस पर बद्रीनाथ के शंकराचार्य जी ने राजा खड्गराज सिंह को साधुवाद देते हुए कहा कि आज यदि देशी गौ का संरक्षण, संवर्धन नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ी गौ माता को सिर्फ फ़ोटो में ही देखेगी, जैसे आज डायनासोर नामक जिव को देखते और जानते हैं। गौ को सरकार राष्ट्र माता घोषित करे जिससे देशी गौ माता का संरक्षण हो देशी गौ के लिए हमनें नाम दिया है रामा, रामा यानि राष्ट्र माता या राज्य माता। आज कहने को तो देशी गौ माता की 56 प्रजातिया हैं लेकिन जब धरातल पर जाएँ तो जमीनी हकीकत यह है की आज देशी गौ की मात्र 25 प्रजाति ही बची है। देशी गौ की वो 56 प्रजातियाँ कहाँ हैं तो वह सिर्फ़ कागजों में है। रोज गाएँ कट रही हैं इसलिए देशी गौ विलुप्ती के कगार पर है। सहसपुर लोहारा के राजमहल में पादुका पूजन संपन्न होने के पश्चात शंकराचार्य जी कवर्धा के लिए प्रस्थान किये।
कवर्धा में ज्योतिर्मठ के मीडिया प्रभारी अशोक साहू के निवास आविमुक्तनगर में 02:00 बजे पादुका पूजन पश्चात शंकराचार्य जी धर्मनगरी कवर्धा के झंडा चौक पहुंचे जहाँ नगरवासियों के द्वारा शंकराचार्य जी का स्वागत किया गया, शंकराचार्य जी झंडा चौक में झंडोत्तोलन पश्चात 02:00 बजे ज्योतिर्मठ के सीईओ चन्द्रप्रकाश उपाध्याय के निवास श्री शंकरा भवनम् शांतीदीप कालोनी पहुंचें, जहाँ उपाध्याय परिवार ने शंकराचार्य जी का पादुका पूजन किया, पश्चात दीपावली के अवसर पर शंकराचार्य जी ने अहोरात्र श्री लक्ष्मी जी का महानिशा पूजन किये, शंकराचार्य जी काली मंदिर में मध्य रात्रि पूजन किए । आम लोगों को भी शंकराचार्य जी के दर्शन शुलभ रहे ।