रिसाली निगम का अस्सी प्रतिशत जमीन बीएसपी के नियंत्रण में होने से नही हो पा रहा है विकास

रूआबांधा से डुण्डेरा तक की जमीन बीएसपी से राज्य शासन को हस्तांतरण के लिए हो पहल
भिलाई। रिसाली नगर पालिक निगम भिलाई बहुतायत श्रमिक बस्तियों का ग्रामीण परिवेश का यह क्षेत्र है यहां की लगभग 80 प्रतिशत भूमि आज भी भिलाई इस्पात संयंत्र सेल भारत सरकार के नियंत्रण में है। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल , छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री एव दुर्ग ग्रामीण विधायक ताम्रध्वज साहू को लिखे एक पत्र में कांग्रेस नेता ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि ग्रामीण परिवेश की इन श्रमिक बस्तियों में विकास कार्य तभी संभव हो पाएंगे जब वहां चौड़ी सड़कें, अंडरग्राउंड सीवरेज की व्यवस्था , सड़क विद्युत की व्यवस्था एवं मनोरंजन के साधनों के साथ गार्डन एवं व्यवस्थित नगर निगम का स्वयं का कार्यालय हो, इन सब कार्यों मैं केंद्र और राज्य सरकार से प्राप्त राशि को यहां खर्च किया जाना है । यदि रूआबांधा से लेकर डूंडेरा तक एक व्यवस्थित मैप बना दिया जाए और उसके बाद इन क्षेत्रों में विकास कार्य को आरंभ किया जाए तो मैं समझता हूं कि टाउनशिप क्षेत्र से लगी हुई इस कॉलोनी का बहुत अच्छे तरीके से विकसित किया जा सकेगा। नहीं तो आज बनाएंगे कल तोड़ेंगे, यही प्रक्रिया अनवरत जारी रहेगी । जैन ने उपरोक्त संदर्भ में आज से 4 माह पूर्व दुर्ग ग्रामीण के विधायक एवं शासन के वरिष्ठ मंत्री मार्गदर्शक ताम्रध्वज साहू को फेसबुक मे पत्र लिख कर आग्रह किया था कि सबसे पहले भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों के साथ किए गए पत्र व्यवहार एव उस दिशा में हुई सकारात्मक पहल को आधार बनाकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाए ताकि राज्य शासन उपरोक्त भूमि को अपने नियंत्रण में ले सके भूमि के नियंत्रण में आने के बाद विकास कार्यों को गति दिया जाना श्रेयकर होगा ।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी ज्ञानचंद जैन ने भेज कर केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर उपरोक्त भूमि को राज्य शासन के नियंत्रण में करने हेतु आग्रह पत्र लिखकर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन , केंद्रीय इस्पात मंत्री और प्रधानमंत्री भारत सरकार को भी अवगत कराने का आग्रह किया है। जैन ने राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पांडे से भी आग्रह किया है कि आप स्वयं आगे आए और इस प्रक्रिया को पूरा करने में राज्य सरकार को अपना सहयोग प्रदान करें ताकि आपके गृह क्षेत्र की उपरोक्त सभी कालोनियों को नए सिरे से बसाया जा सके ।
ज्ञानचंद जैन ने यह भी कहा है की 1983-84 से यह प्रक्रिया लंबित है राजनेताओं के आलसपन एव लापरवाही सबसे बड़ा नमूना है इस क्षेत्र में करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी अब तक बस्तियों की स्थिति वैसे ही है जैसे पूर्व में थी केवल और केवल करोड़ों रुपए की राशि का उपयोग नजर नहीं आता एक राजनेता पानी की पाइप लाइन डालता है और दूसरा राजनेता नक्शे के अनुरूप नहीं है बोलकर तोड़कर नया बनाने की बात करता है इन सब चीजों से ऊपर उठकर हम सब क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री ताम्रध्वज साहू के मार्गदर्शन में उनके सपनों के अनुरूप रिसाली नगर निगम को तैयार किया जाना पहली प्राथमिकता क्षेत्र के जागरूक जनप्रतिनिधि कार्यकर्ताओं की भी है । ज्ञानचंद जैन ताम्रध्वज साहू की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा है की जैसी सोच हुए लगते हैं वैसा विकास रिसाली नगर निगम में अब आरंभ होगा जागरूक जिलाधीश और जागरूक आयुक्त सक्रियता से भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि को राज्य शासन में हस्तांतरण की दिशा में कार्य करेंगे ऐसी अपेक्षा जैन ने की है ।