छत्तीसगढ़

अनुशासनहीनता पर सख्ती; प्रत्याशी का बी-फॉर्म बदलकर दूसरे को दिया, निकाय चुनाव के बीच पीसीसी चीफ ने कांग्रेस जिला अध्यक्ष रामकृष्ण साहू को पद से हटाया

   

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ कवर्धा- नगरीय चुनाव के बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साहू काे पद से हटा दिया है। आरोप है कि रामकृष्ण साहू ने नगर पंचायत पांडातराई के वार्ड- 8 से कांग्रेस प्रत्याशी रहे जुगल प्रसाद पाण्डेय का बी-फॉर्म बदलकर किसी दूसरे को दे दिया था। इसकी शिकायत पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और कैबिनेट मंत्री मो. अकबर से हुई थी। इस पर पार्टी हाईकमान हरकत में आई और बुधवार को रामकृष्ण साहू को कांग्रेस जिलाध्यक्ष के पद से हटाने कार्रवाई की। मामला नगर पंचायत पांडातराई के वार्ड- 8 का है। इस वार्ड से कांग्रेस ने जुगल प्रसाद पाण्डेय को अधिकृत उम्मीदवार बनाया था। उन्हें बी- फॉर्म भी जारी हो गया था, जिसे नामांकन वापसी के दिन कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साहू ने कूटरचना से बदलकर दूसरे प्रत्याशी को दे दिया था। प्रत्याशी व उनके समर्थकों ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष को घेर लिया था।

कवर्धा. प्रत्याशी जुगल प्रसाद पाण्डेय ने मंत्री अकबर से की शिकायत।

रामकृष्ण हटे, अब राधेलाल होंगे कार्यकारी जिलाध्यक्ष

रामकृष्ण साहू

बी-फॉर्म बदलकर दूसरे प्रत्याशी को देने के आरोप में कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साहू को पद से हटाने कार्रवाई की गई। उसकी जगह अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता राधेलाल भास्कर को कार्यकारी जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा है। कार्रवाई से पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में खलबली मची है।

राधेलाल भास्कर

रिटर्निंग ऑफिसर से चर्चा की और निर्दलीय हो गए जुगल

प्रत्याशी जुगल प्रसाद पाण्डेय बताते हैं कि वे कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। इस बार चुनाव में कांग्रेस ने उसे नपं पांडातराई के वार्ड- 8 से अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। इसके चलते उसने नामांकन भरा था। नाम वापसी की प्रक्रिया के दिन पार्टी के सभी अधिकृत प्रत्याशियों काे पार्टी से जारी बी- फॉर्म सुबह साढ़े 11 बजे रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा किया जा चुका था। इसी दिन दोपहर 2.30 बजे कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामकृष्ण साहू नपं कार्यालय पहुंचे। रिटर्निंग ऑफिसर से चर्चा की और करीब 3 बजे बाहर निकल गए। इसके पूर्व बी-फार्म किस-किस प्रत्याशी के नाम पर जारी हुआ है, इसकी जानकारी न तो जिलाध्यक्ष ने दी और न ही रिटर्निंग ऑफिसर ने समय पर इसकी घोषणा की। जब प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित करने प्रक्रिया चल रही थी, तब पता चला कि जुगल के नाम से बी-फॉर्म जारी ही नहीं हुआ है। जिलाध्यक्ष ने दूसरे प्रत्याशी के नाम पर बी-फॉर्म जारी कर दिया था। इस पर जुगल ने आपत्ति दर्ज करते हुए जांच करने मांग की, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जानकारी न मिलने से नाम वापस भी नहीं ले पाया और जुगल निर्दलीय प्रत्याशी बन गया।

 

 

 

 

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