Taslima Nasreen Residence Permit Renewal: मोदी सरकार का इस मुस्लिम महिला लेखिका को ‘अभयदान’.. नहीं जाना पड़ेगा वापस बांग्लादेश, किया था अमित शाह को Tweet
Taslima Nasreen Residence Permit Renewal: कोलकाता: निवास अनुमति प्रमाणपत्र के लिए अमित शाह को किये गये ट्ववीट के बाद मोदी सरकार ने बांग्लादेश की मुस्लिम लेखिका तस्लीमा नसरीन को बड़ी राहत दी है। सरकार की तरफ से उनका निवास अनुमति प्रमाणपत्र का नवीनीकरण कर दिया गया है। तस्लीमा नसरीन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ट्वीट करते हुए लिखा था कि विदेश मंत्रालय की तरफ से उनके परिमट का रिन्युअल नहीं किया गया है। वही इस ट्वीट के बाद सरकार हरकत में आई और फ़ौरन ही इस पर कार्रवाही की गई। तस्लीमा ने इसके लिए मोदी सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।
गौरतलब हैं कि, तस्लीमा नसरीन अपने बेबाक लेखन और विचारों की वजह से अक्सर कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती है। खुद के ऊपर मंडराते खतरे को देखते हुए उन्होंने सालों पहले ही भारत में शरण ले ली थी। इसी बीच उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह से गुहार लगाई थी।
.@AmitShah Dear AmitShahji Namaskar. I live in India because I love this great country. It has been my 2nd home for the last 20yrs. But MHA has not been extending my residence permit since July22. I’m so worried.I would be so grateful to you if you let me stay. Warm regards.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 21, 2024
तस्लीमा नसरीन ने एक एक्स पोस्ट अपर अमित शाह से मदद की गुहार लगाते हुए लिखा था कि, ‘सम्माननीय अमितशाह जी नमस्कार। मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मैं इस महान देश से प्यार करती हूं। पिछले 20 वर्षों से यह मेरा दूसरा घर रहा है। लेकिन गृह मंत्रालय 22 जुलाई से मेरे निवास परमिट का विस्तार नहीं कर रहा है। मैं बहुत परेशान हूँ।
कहा ‘धन्यवाद’
इस ट्वीट के कुछ समय बाद उन्होंने संकेत दिया है कि उनका भारत में रहने का निवास परमिट रिन्यू हो चुका है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। मंगलवार को तस्लीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर शाह को “बहुत-बहुत धन्यवाद” कहा।
. @AmitShah A world of thanks.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 22, 2024
Who is Taslima Nasreen?
कौन है तालिमा नसरीन?
तसलीमा नसरीन बांग्लादेश की जानी-मानी लेखिका हैं, वे अब तक कई किताबें लिख चुकी हैं। वे कविताएं भी लिखती हैं और उनकी एक नॉवेल ‘लज्जा’ पर भारत में फिल्म भी बन चुकी है। इस फिल्म के बाद उनके खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था। इस्लामिक कट्टरता के खिलाफ लिखने और बयानबाजी की वजह से वे मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर रहती हैं। बांग्लादेश मुस्लिम देश है इसी वजह से उन्हें वहां से निर्वासित होकर भारत में शरण लेना पड़ी। हालांकि वे स्वीडन की नागरिक हैं। लेकिन वे बार-बार अपना वीजा बढ़वाकर भारत में ही रहती हैं। वे साल 2004 से भारत में रह रही हैं। तसलीमा पेशे से एक डॉक्टर रही हैं, लेकिन बाद में वे लेखिका बन गई।