धान खरीदी नीति से नाराज किसानों ने सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, प्रदर्शन में कई नेता हुए शामिल

बोरगांव/लंजोड़ा । समर्थन मूल्य पर धान खऱीदी को लेकर किसानों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में जगह जगह किसानों ने धरना प्रदर्शन कर धान खरीदी की नई नीति के खिलाफ जमकर प्रदर्शन का दौर जारी है। इस मौके पर किसानों के परेशानियों को दूर करने सभी दलों के नेता एक ही मंच पर आ गए।
इसी कड़ी में किसान संघ के नेतृत्व में ग्राम लांजोड़ा के लैंप्स परिसर पर फरसगांव तहसील के सैकड़ों किसानों का गुस्सा फट पड़ा और सभी किसानो ने सभा का आयोजन कर सरकार के इस निर्णय का विरोध किया। नाराज किसानों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी भी की।सभा में सभी किसानों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया गया कि 2 दिन के अंदर सरकार अपना फैसला नहीं बदलते तब उग्र आंदोलन के साथ-साथ पूरे जिले भर में चक्का जाम किया जाएगा साथ ही कोई भी किसान धान का विक्रय नहीं करेगा। किसानों ने बाजार एवं मंडी व्यापारियों से धान व मक्का न खरीदने का आह्वान किया साथ ही यह भी अपील की गई कि अगर व्यापारियों द्वारा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी करें तभी वे धान खरीदें।
किसानों ने शासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंजीकृत किसानों के धान नए नियम के अनुसार ढाई माह के भीतर खरीदी हो पाना संभव नहीं है। अधिकतर किसानों के पंजीकृत रकबे में कटौती एवं कम धान खरीदी के चलते किसान वास्तविक रकबे के हिसाब से धान नहीं बेच पा रहे हैं। रोज-रोज नए-नए नियमों एवं अव्यवस्था के चलते आक्रोशित किसानों ने धान खरीदी का बहिष्कार कर दिया साथ ही सभी किसान को धान न बेचने की अपील की गई। सभा में किसानों ने सरकार से मांग करते हुए धान खरीदी की मात्रा मे की गई कटौती को वापस लेने की मांग की है।
किसानों ने कहा कि अगर जल्दी उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक यहां धान खरीदी का बहिष्कार के साथ साथ उग्र जन आंदोलन भी छेड़ा जाएगा साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आगे व्यवस्था नहीं सुधरी और स्थितियों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो समस्याएं ज्यादा बढ़ सकती है। जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
बता दें कि धान खरीदी देर से शुरू हुआ ऊपर से खरीदी के लिए समय कम दिया गया है और 15 क्विंटल के स्थान जगह पर मात्र 8 क्विंटल धान ही खरीदा जाना तय किया गया है। जिसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। यदि समिति के द्वारा 8 क्विंटल से अधिक धान खरीदी किया भी जाता है तो वह कंप्यूटर में दर्ज नहीं हो पाएगा। इसी के चलते किसानों में भारी आक्रोश है।
सभा के अंत में किसानों द्वारा महामहिम राज्यपाल के नाम फरसगांव एसडीएम को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान समाज सेवक हरि सिंह सिदार, पूर्व विधायक सेवकराम नेताम, प्रविर सिंह बदेशा, तरुण साना, लतेलराम नाईक, सुकमन नेताम, झाड़ी राम सलाम, मनहर कोर्राम, हरिशंकर नेताम, विश्वनाथ सिकदार, सुखचंद नेताम, जयलाल नेताम, देवलाल सोमवंशी, तुलसी साहू, कोसाराम नेताम, फूलचंद दीवान, रमेश पांडे, बरातू दीवान, फुलदास बैद्य सहित भारी संख्या में क्षेत्र के किसान मौजूद रहे।