Ratan Tata Unknown Facts Hindi: जब होटल में रतन टाटा की इस गलती पर भड़क गईं थी महिलाएं, देना पड़ा था भारी भरकम जुर्माना
मुंबई: Ratan Tata Unknown Facts Hindi भारतीय उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने वाले दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। रतन टाटा के यूं चले जाने से पूरे देश में गम का माहौल है। उनके चाहने वालों को आज वे बहुत याद आ रहे हैं। देशवासियों के दिलों में राज करने वाले रतन टाटा को पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहे हैं। करीब 3800 करोड़ रुपये की नेटवर्थ के मालिक रतन टाटा से जुड़ी कई दिलचस्प कहानी है। ऐसे में आज आपको रतन टाटा से जुड़ा एक ऐसा किस्सा सुनाते हैं जो बहुत ही कम लोग जानते हैं।
Ratan Tata Unknown Facts Hindi दरअसल से किस्सा उस समय का है जब रतन टाटा कारोबार के सिलसिले में जर्मनी के हेमबर्ग शहर गए हुए थे। काम खत्म होने के बाद टाटा अपने मित्र के साथ एक होटल में खाना खाने पहुंचे। यहां दोनों ने जमकर खाना खाया और इसके बाद बिल देकर जाने लगे। लेकिन होटल में उनके सामने बैठी महिलाएं दोनों को घृणा से देखा और अपशब्द कहने लगीं। कुछ देर तो रतन टाटा और उनके दोस्त को ये समझ नहीं आया कि महिलाएं उन्हें ऐसे क्यों देख रहीं हैं। हालांकि थोड़े देर बाद दोनों को पूरी बात समझ में आ गई। रतन टाटा को ऐसा करते देख महिलाओं ने समाजिक संस्था को फोन कर दिया, जिसके बाद संस्था की टीम होटल पहुंची और रतन टाटा पर 200 डॉलर का जुर्माना लगाया।
संस्था के लोगों ने रतन टाटा से कहा कि भले ही आपने खाने का पैसा चुका दिया हो, लेकिन ये खाना देश की संपत्ति है, आपकी नहीं। इसे खराब करने का आपको कोई हक नहीं है, जितना खाओ उतना ही ऑर्डर किया करो। रतन टाटा पर इस कारण से 200 डॉलर का जुर्माना हुआ। टाटा के जीवन में यह बात घर कर गई कि जिस देश के नागरिक इतने ज्यादा सभ्य और ऊंची सोच वाले हों वो देश तो विकसित ही होना चाहिए।
रतन टाटा से जुड़ीं कुछ खास बातें..
रतन टाटा के लिए काम का मतलब पूजा करना था। उनका कहना था कि काम तभी बेहतर होगा, जब आप उसकी इज्जत करेंगे।
टाटा चेयरमैन की सबसे बड़ी खासियत उनका हमेशा शांत और सौम्य रहना था। वे अपने साथ कंपनी के छोटे से छोटे कर्मचारी से भी प्यार से मिलते थे, उनकी जरूरतों को समझते थे और उनकी हर संभव मदद करते थे।
दिग्गज अरबपति रतन टाटा कहते थे कि आपको किसी काम में सफलता पाना है, तो उस काम की शुरुआत भले ही आप अकेले करें, लेकिन उसे बुलंदियों पर पहुंचाने के लिए लोगों का साथ जरूरी है। साथ मिलकर ही दूर तक चल सकते हैं।
रतन टाटा को जानवरों खासतौर पर स्ट्रे डॉग्स से खासा लगाव था। वे कई गैर सरकारी संगठनों और Animal Shelters को दान भी करते रहते थे।
रतन टाटा आर्थिक तंगी से जूझने वाले छात्रों की भी मदद के लिए आगे रहते थे। उनका ट्रस्ट ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप देता है। ऐसे छात्रों को J.N.Tata Endowment, Sir Ratan Tata Scholarship और Tata Scholarship के जरिए मदद दी जाती है