फर्जी अधिकारी बनकर 78 लाख की ठगी…बोले पुलिस कप्तान रजनेश…सावधान…साझा करें आनलाइन ठगों की जानकारी दो अलग अलग मामले में 61 और 17 लाख की आनलाइन ठगी.
फर्जी अधिकारी बनकर 78 लाख की ठगी…बोले पुलिस कप्तान रजनेश…सावधान…साझा करें आनलाइन ठगों की जानकारी
दो अलग अलग मामले में 61 और 17 लाख की आनलाइन ठगी.
छत्तीसगढ़ बिलासपुर भूपेंद्र साहू ब्यूरो रिपोर्ट
बिलासपुर—पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने आम जनता को सायबर अपराध से बचने का निर्देश दिया है। साथ ही पुलिस अधिकारियों को भी दिशा निर्देश दिया है कि आम जनता को सायबर ठगी से जुड़ी गतिविधियों को लेकर जागरूक करें। पुलिस अधिकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचकर बढ़ते साइबर अपराध से बचने का उपाय बताएं। पुलिस कप्तान ने रेंज साइबर थाना में दर्ज ठगी के दो बड़े मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि दो अलग अलग मामलों में आरोपियों ने आनलाइन ठगी को अंजाम देकर 78 लाख रूपये पार किया है। जबकि सावधानी रखने पर ठगी से बचा जा सकता था। बहरहाल मामले में छानबीन की कार्रवाई चल रही है । जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल दाखिल कराया जाएगा।
मनीलांड्रिग का भय दिखा 61 लाख की चपत
कप्तान ने बताया कि मित्र विहार कालोनी निवासी विशाखा डे ने 27 सितम्बर को ठगी मामले को लेकर सिविल लाईन थाना में अपराध दर्ज कराया है। पीड़िता ने बताया कि 12 सितम्बर को अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। व्यक्ति ने खुद को मुम्बई पार्सल ऑफिस का ऑफिसर होना बताया। उसने कहा कि एक पार्सल जिसे पीड़िता ने मुम्बई से दुबई के लिये बुक किया था। पार्सल कैंसल कर दिया गया है। छानबीन के दौरान पार्सल में पुलिस वर्दी, ए.टी.एम. कार्ड, कीटामीन नामक ड्रग्स मिला है। जिसे मुम्बई कस्टम डिपार्टमेंट ने जब्त कर लिया है।
इस दौरान आरोपी ने मोबाइल पर गिरफ्तारी का भय दिखाया। नारकोटिक्स और मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपी बताकर भयभीत किया। आरोपी ने आनलाइन ठगी कर 61,93,720 रूपये की ठगी किया है। रिपोर्ट पर सायबर थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) 3(5)और 66 (डी) आई.टी. एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया गया है। मामले में छानबीन हो रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा।
सीबीआई अधिकारी और खाता से 17 लाख साफ
साइबर अपराध से जुड़े एक अन्य मामले में पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बताया कि विवेकानन्द नगर तोरवा थाना निवासी नीरज कुमार सिंह आनलाइन ठगी की शिकायत 14 सितम्बर को किया है। पीड़ित ने बताया कि 13 सितम्बर को मोबाईल पर अज्ञात अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। आरोपी ने खुद को मुम्बई में सी.बी.आई. ऑफिसर होना बताया। आरोपी ने पीड़ित पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मनी लाॅड्रिंग मामले में अपराध दर्ज होने की जानकारी दी। रिपोर्ट दर्ज करने के दौरान पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने फर्जी कार्यालयीन दस्तावेज और रबर स्टाम्प लगाकर मोबाईल पर व्हाट्सएप भेजा। साथ ही गंभीर मामला दर्ज होने के साथ ही गिरफ्तारी का भय दिखाया। भय का वातावरण तैयार कर आरोपी ने पीड़ित से आनलाइन ठगी कर 16,50,047 रूपया खाता से पार कर दिया। सायबर थाना पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(4), 3(5) और 66 (डी) के अलावा आईटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है। आरोपी को जल्द ही लाकअप के अन्दर किया जाएगा।
पुलिस कप्तान ने बताया कि दोनों ही मामलों में साइबर ठगों ने भय दिखाकर अकाउंट साफ किया है। आरोपियों ने आरबीआई सीबीआई और पुलिस अधिकारी बनकर आनलाइन ठगी को अंजाम दिया है। रजनेश सिंह ने कहा कि लोग फॉरेन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट के नाम पर पर लागातार ठगी का शिकार हो रहे हैं । कम समय में अधिक लाभ कमाने के लालच में अपने पैसों को ठगों के झांसे में आकर निवेश कर रहे हैं। जबकि हमें ऐसे किसी भी गतिविधियों से सावधान रहने की जरूरत है।
अधिकारी बनकर ठगी को अंजाम रुपये निकलने की कोशिश में ठग गिरोह जीएसटी समेत तमाम तरह के दस्तावेज और रुपये मांगते हैं। राशि नहीं देने पर एप ग्रुप से हटा देते हैं। डाउनलोड किए एप पर बैलेंस जीरों नजर आने लगता है। और इस तरह ठग अपने मंसूबों में कामयाब हो जाते हैं।
आम जनता को रहें सावधान
आम जनता से निवेदन है कि कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को पुलिस अधिकारी, सी.बी.आई. अथवा ई.डी. का अधिकारी होने की जावनकारी देता है तो उसके बारे में तत्काल पुलिस थाना को बतायें। मनी लाॅड्रिंग, ह्यूमन ट्रैफिकिंग, अवैध पार्सल में अवैध मादक पदार्थ समेत झूठी जानकारी देता है तो पुलिस को तत्काल खबर करें। इसके अलावा फंसाने के लिए भेजे गए अन्य फर्जी दस्तावेजों की भी जानकारी को साझा करें
अनजान व्यक्ति का नम्बर किसी भी सूरत में अटैंड ना करे। निजी जानकारियों को किसी भी सूरत में साझा करने से बचें । और साइबर फ्रॉड सम्बधित सभी जानकारियों को पुलिस से तत्काल साझा कर अपराध से बचने में सहयोग करें।