#SarkarOnIBC24 : महाप्रसाद में मिलावट, चर्बी पर सियासत, मचा सियासी बवाल
नई दिल्ली : Tirupati Mandir Prasad Controversy : आंध्रप्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गरमा गई है। प्रसाद में उपयोग होने वाले घी की जांच रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें मछली के तेल और जानवरों की चर्बी की मिलावट की पुष्टि हुई है। प्रसाद को हम भगवान के पवित्र उपहार की तरह देखते हैं, लेकिन इस रिपोर्ट ने संदेह के हजारों सवाल खड़े कर दिए हैं। अब ये संदेह केवल तिरुपति मंदिर के प्रसाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब जब भी हम प्रसाद ग्रहण करेंगे, हमे याद आएगी ये चर्बी वाली मिलावट।
Tirupati Mandir Prasad Controversy : तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता पर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने आरोप लगाया कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था। TDP ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए हैं। चंद्रबाबू नायडू ने YSR सरकार पर पिछले 5 साल में तिरुमाला की पवित्रता धूमिल करने का जगन मोहन रेड्डी पर आरोप लगाया है।
दरअसल पिछले 50 साल से कर्नाटक KMF रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। हर छह महीने में 1400 टन घी मंदिर में लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया। जिसके बाद जगन सरकार ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक AR डेयरी फूड्स के प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी। टीडीपी सरकार बनने पर नायडू सरकार ने इसकी क्वॉलिटी जांच के आदेश दिए थे। जुलाई में सामने आई रिपोर्ट में फैट का जिक्र था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद देश में हड़कंप मचा हुआ है।
Tirupati Mandir Prasad Controversy : इधर अपने ऊपर लगे आरापों पर जगन मोहन रेड्डी ने पलटवार किया कि, नायडू भगवान के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे है।
तिरुमला के लड्डू प्रसादम के इस विवाद के सामने आने के बाद केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बताया कि सीएम चंद्रबाबू नायडू से उनकी बात हुई है और इसकी FSSAI से जांच कराई जाएगी, तो वहीं कांग्रेस ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।
महाप्रसाद में चर्बी की मिलावट पर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति भी गरमाई। भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने जगन मोहन रेड्डी का पुतला फूंक कर अपना गुस्सा जाहिर किया, तो रायपुर में सियासी बयानबाजी हुई।
आंध्रप्रदेश का तिरुपति तिरुमला देवस्थान देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।हर साल लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करते हैं मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है। अगर इस आरोप में जरा भी सच्चाई है तो ये बेहद गंभीर मामला है इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता क्योंकि मामला करोडों हिंदुओं की आस्था से जुड़ा है।