Ganesh Visarjan 2024: अनंत चतुर्दशी पर इस समय करें बप्पा की विदाई, विर्सजन के वक्त इन बातों का रखें ध्यान, प्रसन्न होंगे भगवान गणेश
नई दिल्लीः Ganesh Visarjan 2024 देश में इन दिनों गणेशोत्सव की धूम है। 7 सितंबर से शुरू हुए इस पर्व को लेकर हर वर्ग के लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। गणेशोत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी पर होगा। पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस साल अनंत चतुर्दशी 17 सितंबर 2024 को है। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति को विसर्जित किया जाता है। इस दौरान भक्तजन बप्पा से अगले साल फिर से आने की कामना करते हुए, विधि विधान से पूजा करते हैं। इस साल अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह से लेकर रात तक भद्रा का साया रहेगा। ये समय मूर्ति विसर्जन के लिए सही नहीं माना जाता है। तो चलिए जानते हैं कि किस समय में बप्पा की विदाई करना चाहिए।
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Ganesh Visarjan 2024 पंचांग की मानें तो गणेश विसर्जन का पहला शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगा और ये दोपहर 1 बजकर 46 मिनट पर रहेगा। दोपहर के मुहूर्त की बात करें तो ये 3 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा और शाम को 04 बजकर 50 मिनट पर खत्म होगा। इसके अलावा संध्याकाल के मुहूर्त की बात करें तो ये शाम को 07 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा और रात को 09 बजकर 19 मिनट पर रहेगा। इस लिहाज से देखा जाए तो इस अनंत चतुर्दशी को बप्पा की मूर्ति के विसर्जन के लिए 6 घंटा 56 मिनट यानी कि कुल 416 मिनट का समय मिलेगा। इस दौरान विसर्जन करना सबसे शुभ माना जाएगा।
भद्रा काल का समय
अनंत चतुर्दशी तिथि की शुरुआत की बात करें तो ये 16 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 10 मिनट पर शुरू हो जाएगा और 17 सितंबर को 11 बजकर 44 मिनट तक चलेगी। वहीं भद्राकाल के समय की बात करें तो ये सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो जाएगा और रात को 09 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। ऐसी मान्यता है कि इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।
गणेश विसर्जन के दौरान ध्यान रखें ये बातें
गणेश विसर्जन के दिन सबसे पहले पूरे परिवार के साथ गणपति बप्पा की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन गणेश जी को मोदक के भोग के साथ-साथ 56 भोग भी अर्पित करें।
अगर आप विसर्जन करने जा रहें हैं, तो भूलकर भी काले या नीले रंग के कपड़े न पहनें। इसे अशुभ माना जाता है।
इस दौरान गणेश जी की कृपा पाने के लिए दुर्वा की 21 गांठे चाढ़ानी चाहिए।
गणेश विसर्जन के दिन जब भी आप बप्पा की मूर्ति को घर से लेकर जाते हैं, तो पहले उसे पूरे घर में ले जाएं।
ध्यान रखने कि जब भी आप बप्पा को घर से विदा करते हैं, तो उनका मुख घर की तरफ रखें और पीठ बाहर की तरफ।
गणपति जी को विसर्जन स्थान पर ले जाने के बाद एक बार फिर से कपूर से आरती करनी चाहिए।
इस दौरान गणेश पूजन में उपयोग हुई सामग्रियों को भी विसर्जित कर देना चाहिए।
गणेश जी की मूर्ति को पानी में धीरे-धीरे विसर्जित करें। इसे एकदम से पानी में नहीं छोड़ना चाहिए।
विसर्जन के वक्त श्री गणेश के मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए।