Uncategorized

#BigPictureWithRKM: CJI चंद्रचूड़ के घर PM मोदी के गणेश पूजा पर क्यों मचा है बवाल?.. आखिर कौन खड़ा कर रहा इस पर विवाद, देखे बिग पिक्चर

 

Big Picture with RKM: रायपुर। “हंगामा क्यों हैं बरपा? पूजा ही तो की है”.. देशभर में गणपति उत्सव का माहौल हैं। देशवासी इन दिनों बप्पा की भक्ति और आराधना में डूबे हुए है। (Why is there controversy over Ganesh puja by Prime Minister and CJI Chandrachud?) ऐसे में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मौके पर सीजेआई चंद्रचूड़ के घर पर श्री गणेश की पूजा करने पहुंच गए तो इस पर इतना हंगामा क्यों हो रहा? इस मुद्दे पर प्रतिक्रियाएं सुनकर ऐसा लग रहा है मानों देश पर कोई संवैधानिक संकट आ गया हो।

पूजा-पाठ, आराधना बेहद निजी मामला

बहरहाल हमारा मानना हैं कि पूजा-आराधना किसी का भी बेहद निजी मामला हैं और ऐसा भी नहीं है कि अगर प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस के घर पूजा में शामिल होने चले गए तो निष्पक्ष मुख्य न्यायधीश पक्षपाती हो गए। इसलिए हम मानते हैं कि धर्म और पूजा पद्धति या इनका पालन है, यह अत्यंत निजी मामला है। वैसे भी अपने घर पर गणपति पूजा के लिए चीफ जस्टिस पूरी तरह स्वतंत्र हैं और इसलिए भी स्वतंत्र है कि वह इस पूजा में किसे बुलायें और किसे नहीं। इसी तरह बुलावे पर प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस घर गए तो यह भी पीएम का निजी मामला हैं। इसे उनके पद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

अब समझते हैं कि इस पूरे मामले पर आखिर विवाद किसने खड़ा किया? दरअसल इस मसले पर सबसे पहले सवाल मोदी विरोधी वर्ग ने ही खड़ा किया। यह वर्ग चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को अपना रक्षक भी मानता था। उन्हें लगता था कि पीएम मोदी के फैसलों या उनके कथित तानाशाही को सीजेआई ही रोक सकते है, लगाम लगा सकते है। (Why is there controversy over Ganesh puja by Prime Minister and CJI Chandrachud?) लेकिन उनके इस उम्मीद को तब धक्का लगा जब खुद पीएम मोदी और उनके सबसे बड़े विरोधी सीजेआई के घर पहुंच गए।

प्रतीक और सन्देश की सियासत में पीएम मोदी धुरंधर माने जाते है। शब्दों से या कहने से ज्यादा वह करने पर यकीन रखते हैं। इसलिए वह एक्शन के भी पुरोधा माने जाते है। पिछले कुछ समय से माना जा रहा था कि न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच सबकुछ ठीक नहीं है। दोनों के बीच असहमति के भाव को भी सामने लाने की कोशिह की। लेकिन पीएम मोदी और सीजेआई का साथ में पूजा में शामिल होने ने इन आशंकाओं को भी ख़त्म कर दिया। पीएम मोदी ने सन्देश दे दिया अब इसे सब अपने-अपने विवेक से समझ रहे है और यही विवाद का कारण भी है।

दूसरी तरफ भाजपा भी इस विपक्षी हमलों पर कैसे शांत रहने वाली थी। उन्होंने भी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इफ्तार पार्टी की फोटो सामने रखकर सवाल पूछे। इस फोटो में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ इफ्तार पार्टी में तब के सीजेआई जीके बालाकृष्णन भी शमिल हुए थे। (Why is there controversy over Ganesh puja by Prime Minister and CJI Chandrachud?) ऐसे में भाजपा ने सीधा सवाल किया कि अगर इफ्तार में पीएम और सीजेआई का शामिल होना सही हैं तो फिर गणेश पूजा में उनका मिलना कैसे गलत हो सकता है?

हम देखते है कि लोकतंत्र के तीन स्तम्भ है इनमें न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका। विधायक जो नीति और कानूनों का निर्माण करती हैं, कार्यपालिका जो इन योजनाओं, नीतियों को लागू कराती हैं और तीसरा न्यायपालिका जो इन नीतियों, कानूनों के गुण दोषों की विवेचना करती हैं। और ये तीनों ही एक-दूसरे के पूरक है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

IBC24 News : Chhattisgarh News, Madhya Pradesh News, Chhattisgarh News Live , Madhya Pradesh News Live, Chhattisgarh News In Hindi, Madhya Pradesh In Hindi

Related Articles

Back to top button