#SarakarOnIBC24 : जॉर्ज कुरियन राजयसभा चुनाव के लिए भरा नामांकन, ईसाई समुदाय में पैठ बढ़ाने के लिए भाजपा ने खेला बड़ा दांव
भोपाल : George Kurien Filed Nomination : मध्यप्रदेश का दक्षिण भारत से कनेक्शन और स्ट्रांग हो गया है। बीजेपी MP कोटे से खाली मध्यप्रदेश की एक सीट पर केंद्रीय राज्यमंत्री जॉर्ज कुरियन को राज्यसभा भेज रही है। जॉर्ज कुरियन केरल से आते हैं और एल मरुगन के बाद ये लगातार दूसरी बार है जब पार्टी किसी दक्षिण भारतीय नेता को MP कोटे से राज्यसभा भेज रही है।
George Kurien Filed Nomination : केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन मध्यप्रदेश के कोटे से राज्यसभा जाएंगे। बीजेपी ने मंगलवार को ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे से खाली हुई राज्यसभा सीट पर जॉर्ज कुरियन के चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जॉर्ज कुरियन ने सीएम मोहन यादव, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और कैबिनेट मंत्रियों की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया। कांग्रेस के पास संख्या बल नहीं है। जिसके चलते पार्टी प्रत्याशी नहीं उतारेगी ऐसे में जॉर्ज कुरियन का निर्वेरोध चुना जाना तय माना जा रहा है।
जॉर्ज कुरियन मोदी कैबिनेट में मत्स्य पालन और पशुपालन-डेयरी विभाग के राज्य मंत्री हैं और केरल के कोट्टायम जिले से आते हैं। इस सीट पर उनका कार्यकाल अप्रैल 2026 तक रहेगा। चुने जाने के बाद कुरियन मध्यप्रदेश से पहले ईसाई सांसद होंगे। कुरियन को राज्यसभा भेजने को जानकार बीजेपी की केरल के ईसाई समुदाय में पैठ बढ़ाने की कवायद के रूप में देख रहे हैं।
George Kurien Filed Nomination : सिंधिया के सीट खाली करने के बाद राज्यसभा के लिए नरोत्तम मिश्रा, केपी यादव और जयभान सिंह पवैया जैसे कई नेता दावेदार थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने केरल के नेता जॉर्ज कुरियन के नाम पर मुहर लगाई। कुरियन को एमपी से राज्यसभा भेजकर बीजेपी ने अपने साउथ इंडिया कनेक्शन को और ज्यादा स्ट्रॉन्ग किया है। हालांकि इससे कांग्रेस को निशाना साधने का मौका भी मिल गया है।
बीजेपी हिंदी हार्टलैंड में अपनी जड़े जमा चुकी है। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में उसका दबदबा है। बीजेपी नेतृत्व की ऐसे ही वर्चस्व की चाहत दक्षिण भारत से भी है। केरल जहां की त्रिशूर लोकसभा सीट से पहली बार पार्टी का खाता खुला है बीजेपी की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। यही वजह है कि पार्टी का फोकस केरल में 2 साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव पर है। जिसमें पार्टी जॉर्ज कुरियन के जरिए सियासी बढ़त लेना चाहती है।