छत्तीसगढ़दुर्ग भिलाई

ट्रांस्पोर्ट नगर तिराहे पर फ्लाईओव्हर निर्माण के चलते सडक़ की चौड़ाई हुई कम

पल-पल दुर्घटना को दे रहा है आमंत्रण

20 फीट की सडक़ पर गलत दिशा में आवाजाही से बढ़ा खतरा

भिलाई। फरोलेन सडक़ पर कुम्हारी से लेकर सुपेला के बीच चार जगहों में फ्लाई ओव्हर निर्माण का कार्य चल रहा है। इस वजह से उन स्थानों पर महज 20 फीट की सडक़ आवाजाही के उपलब्ध है। यातायात के अत्यधिक दबाव वाली सडक़ होने से फ्लाई ओव्हर निर्माण हो रहे स्थानों पर चौड़ाई दुर्घटना के लिहाज से संंवेदनशील बनी हुई है। लेकिन दुर्घटना का सबसे अधिक खतरा ट्रांसपोर्ट नगर तिराहे के पास हो रहे फ्लाई ओव्हर निर्माण वाली जगह पर देखा जा रहा है।

दरअसल टांसपोर्ट नगर तिराहे के पासी डबरापारा पूल है। इस पूल के दायरे में फोरलेन सडक़ निर्माण होते समय सर्विस लेन नहीं बनाया गया था। अब जब इस स्थान से होकर फ्लाई ओव्हर निर्माण हो रहा है तो उससे पहले डबरापारा पूल के दायरे में दोनों ओर सर्विसलेन के समाांतर सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने का काम चल रहा है। इसके लिए दोनों ओर 20-20 फीट चौड़ी सडक़ को आवाजाही सुगम बनाए रखने के उद्देश्य से घेराबंदी कर दी गई है। इस वजह से एक बार में डबरापारा पूल से एक ही भारी वाहन को गुजरने में आसानी हो रही है। किसी अन्य वाहन के ओव्हरटेक करने पर दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है।

यहां पर यह बताना भी लाजिमी होगा कि डबरापारा पूल के दोनों ओर गलत दिशा से आवाजाही की पुरानी समस्या है। डबरापारा उत्तर व दक्षिण के नागरिक भिलाई-3 की ओर आने जाने के लिए प्राय: गलत दिशा का चयन करते हैं। इस चक्कर में जानलेवा दुर्घटनाएं होती रही है। अब जब फ्लाई ओव्हर निर्माण के लिए वैसे ही सडक़ की चौड़ाई सिमटकर 20 फीट की रह गई है तो गलत दिशा से आने जाने वालों के साथ जानलेवा दुर्घटना होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है। यह कहना गलत नही होगा कि डबरापारा पूल के दोनों ओर पल-पल दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।

ज्ञातव्य हो कि डबरापारा पूल से अहिवारा के लिए रेल लाइन गुजरी हुई है। इसलिए यहां पर सडक़ की उंचाई अधिक है। अब जब फ्लाई ओव्हर निर्माण शुरू करने से पहले दोनों ओर सडक़ की चौड़ाई बढ़ाने का काम शुरू किया गया है तो कांक्रीट की दीवार खड़ी कर बीच की जगह को स्लेग और मुरुम डालकर भरा जा रहा है। इसके लिए मौजूदा डामरीकरण वाली सडक़ से लगी फुटपाथ को भी निर्माणी कंपनी ने टिन की चादर घेरकर कब्जे में ले लिया है। इससे पैदल अथवा साइकिल से सही दिशा में जाने वालों के साथ ही दुर्घटना होने का खतरा बना हुआ है। पूर्व में जब फुटपाथ वाली जगह खाली थी तो गलत दिशा से गुजरने वाले किसी तरह उसका इस्तेमाल कर लेते थे। लेकिन अब जब उस जगह के उपलब्ध नहीं रहने पर भी गलत दिशा से आवाजाही पूर्ववत हो रही है तो दुर्घटना की संभावना पहले से भी अधिक बढ़ गई है।

पूर्व में हो चुकी है कई जानलेवा दुर्घटनाएं

ट्रांसपोर्ट नगर तिराहे के पास डबरापारा बस्ती फोरलेन सडक़ के उत्तर व दक्षिण में विभाजित है। इन दोनों ही बस्तियों में गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की बहुतायत है। यहां के लोगों की रोजमर्रा की जरुरतें भिलाई-3 पर निर्भर है। लिहाजा दिन भर में कई बार लोगों को भिलाई-3 जाना और आना पड़ता है। हाईस्कूल और कालेज की छात्र-छात्राएं भी साइकल लेकर भिलाई-3 आना जाना करती है। इस दौरान एक विशेष बात देखने को मिलती है जिससे सडक़ दुर्घटना की संभावना बढ़़ जाती है। डबरापारा उत्तर के निवासी भिलाई-3 जाते समय बस्ती से फोरलेन सडक़ पकडक़र सही दिशा में चले जाते हैं। लेकिन वापसी के दौरान ज्यादातर लोग दिशा बदलने के बजाए जिस दिशा की सडक़ से भिलाई-3 गए थे उसी से होकर लौटने का जोखिम उठाने से हिचकते नहीं। डबरापारा दक्षिण के लोग भी ऐसा ही करते हैं। नियमत: इस बस्ती के लोगों को ट्रांसपोर्ट नगर तिराहे के पास दिशा बदलकर भिलाई-3 जाना चाहिए। लेकिन वे घर से निकलकर गलत दिशा वाली सडक़ से होकर साइकिल अथवा मोटर साइकल में चले जाते हैं। इस चक्कर में पहले कई बार दुर्घटना में लोगों को जान गंवाना पड़ा है। अभी फ्लाई ओव्हर निर्माण के चलते सडक़ की बिजली कनेक्शन काट दी गई है जिससे ट्यूबलर पोल की लाइटें नहीं जल रही है। रात के वक्त अधेरे में डूबी 20 फीट की संकरी सडक़ पर गलत दिशा में आवाजाही की प्रवृत्ति के जानलवा साबित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।

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