#SarkarOnIBC24 : कन्नौज में नाबालिग के साथ रेप की कोशिश, सपा नेता नवाब सिंह यादव पर आरोप
लखनऊ : Kannauj Case Update : यूपी के अयोध्या में 12 साल की बच्ची से दुष्कर्म पर अभी सियासत थमी भी नहीं थी कि अब कन्नौज में एक और सपा नेता पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख को पुलिस ने नाबालिग से रेप की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी सपा नेता अखिलेश यादव का करीबी और डिंपल यादव का प्रतिनिधि रह चुका है। इस खुलासे से बीजेपी सपा पर हमलावार है। वहीं इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। जिसे इस घटना का अहम सबूत बताया जा रहा है।
Kannauj Case Update : यूपी के कन्नौज में 11-12 अगस्त की रात पुलिस को एक लड़की का फोन आता है। जिसमें लड़की अपने साथ रेप की कोशिश का आरोप लगाती है। थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंचती है और पाती है कि लड़की के शरीर पर पूरे कपड़े नहीं है। पुलिस पूछती है कि कपड़े कहां है। जवाब में लड़की पुलिस को उस शख्स तक ले जाती है। जिस पर लड़की ने जबरन कपड़े उतरने का आरोप लगाया था। पुलिस उस शख्स को मौके पर ही गिरफ्तार कर लेती है।
अब हम आपको बताते हैं कि ये शख्स कौन है। ये हैं सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख नवाब सिंह यादव। जिन पर लड़की ने नौकरी का झांसा देकर अपने डिग्री कॉलेज बुलाने और दुष्कर्म की कोशिश का आरोप लगाया है। गिरफ्तारी के बाद नवाब खुद को बेकसुर और इसके पीछे बड़ी साजिश बता रहे हैं।
Kannauj Case Update : अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब अयोध्या में नाबालिग के साथ रेप केस के आरोपी का नाता समाजवादी पार्टी से जुड़ा था। पुलिस ने सपा के भदरसा नगर अध्यक्ष मोइद खान और उनके नौकर राजू खान को गिरफ्तार किया था। जिस पर जमकर सियासत हुई थी और बात DNA जांच तक पहुंच गई थी। वहीं इस नए केस के सामने आने के बाद सपा बैकफुट पर है और उसने (STILL) प्रेस रिलीज जारी कर नवाब सिंह यादव से पल्ला झाड़ लिया है। जबकि नवाब सपा प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी और डिंपल यादव का प्रतिनिधि रह चुका है। जिससे इस पर सियासत गरमा गई है।
अयोध्या के बाद कन्नौज में सपा नेता नाबालिग से दुष्कर्म और दुष्कर्म की कोशिश जैसे संगीन आरोपों में घिरे हैं। जिसने सपा प्रमुख अखिलेश यादव की चिंता बढ़ा दी है। खास बात ये है कि यूपी में विधानसभा उपचुनाव करीब है। ऐसे में लोकसभा चुनाव में जीत से उत्साहित सपा की मुश्किले बढ़नी तय है। आरोपों से घिरे सपा नेताओं का तो फैसला कानून की अदालत में होगा। लेकिन उससे पहले सपा को जनता की अदालत का सामना करना है। जिसके लिए सपा की राह आसान नहीं नजर आ रही।