कहीं फिर वो दिन न आ जाए… शेख हसीना के भागते ही भारत को सता रहा किस बात का डर
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नई दिल्ली. बांग्लादेश की पीएम रही शेख हसीना देश में खुद के खिलाफ पनप रहे गुस्से के बीच भाग निकली. एक साथ 20 लाख लोगों ने राजधानी ढाका की ओर मार्च करना शुरू किया तो हसीना समझ गई कि अब उसकी सत्ता का अंत होना तय है. हसीना राज के खत्म होने के साथ ही भारत की चिंताएं भी बढ़ने लगी है. वहां हिन्दुओं के प्रति बढ़ती हिंसक घटनाओं से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन भारत की परेशानी का कारण कुछ और ही है. भारत सरकार को आने वाले दिनों में नॉर्थ-ईस्ट में अशांति का अंदेशा सता रहा है. असम के सीएम हिमंत बिश्व सरमा ने भी इस बात का अंदेशा जताया.हिमंत बिश्वा सरमा ने कहा, ‘बांग्लादेश मे जो घटना घटी है, ये हमारे लिए चिंता का विषय है. बांग्लादेश में जारी हिंसा की वजह से कुछ लोग भारत आना चाहेंगे. हमें सीमा का भी सुरक्षित करना है. शेख हसीना की सरकार के समय में नॉर्थ ईस्ट के उग्रवादियों को बांग्लादेश से हटाया गया था. हमारे लिए ये एक चिंता का मुददा रहेगा की फिर से एक बार नार्थ ईस्ट के उग्रवादियों की घाटी नहीं बने.’2041 तक भारत में…
हिमंत बिश्वा सरमा ने कहा, ‘मैं विश्वास करता हूं कि नई सरकार के साथ भारत सरकार नार्थ-ईस्ट के मुददे पर बात करेंगे. मेरी चिंता यही है कि 2041 का असम कैसा होगा. जो आज हम बांग्लादेश में देख रहे है, क्या 2041 में असम और बंगाल में देखने को मिलेगा? जो बांग्लादेश में आज घटनाए हो रही हैं, ये बांग्लादेश के लिए चिंता का विषय है. हमारे लिए भी चिंता का विषय है क्योंकि हमारी डेमोग्रॉफी रोज बदल रही है.’