CG Ki Baat: सुशासन की सरकार..घोटालेबाज खबरदार! सुशासन का सरकार होने का दावा कितना सही है?

रायपुर। CG Ki Baat: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में भ्रष्टाचार और घोटालों पर खूब चर्चा हुई। इसके खिलाफ कड़े कदम उठाने के वादे पर सत्ता पर काबिज होते ही भाजपा सरकार ने अमल करना शुरू किया। इसी में से बहुचर्चित PSC गड़बड़ी मामले में CBI को जांच सौंपी गई, जिसने बुधवार को आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर दबिश दी। धांधलियों के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है। सीएम साय का दावा है कि प्रदेश में सुशासन की सरकार है और छापे और कार्रवाई रुकेगी नहीं, जांच चल रही है। आरोपी पकड़े जा रहे हैं, लेकिन इंसाफ का इंतजार अभी भी है क्योंकि जांच अपने मुकाम तक पहुंची नहीं हैं ।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से साल 2021 में हुई परीक्षा में हुई धांधली की जांच कर रही CBI ने बुधवार को प्रदेश के 6 शहरों में 15 जगहों पर एक साथ दबिश दी। छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व अध्यक्ष टामन सोनवानी के धमतरी स्थित सरबदा गांव में भी दबिश दी गई। जहां उनसे CBI के अधिकारियों ने कई घंटों तक पूछताछ भी की है। इससे पहले भी जब सीबीआई की टीम यहां पहुंची थी तो सोनवानी गायब हो गए थे। सोनवानी पर पीएससी का अध्यक्ष रहते अपने परिवार के सदस्यों और चहेतों को गड़बड़ी कर पास करवाने के आरोप हैं। वहीं राज्यपाल के पूर्व सचिव रहे अमृत खलको के भिलाई स्थित निवास पर भी दबिश दी गई । सीबीआई की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश में सुशासन की सरकार में घोटालों की तह तक जांच हो रही है और कोई भी भ्रष्टाचारी नहीं बचेगा। CBI की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि नीट और अन्य मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ये किया जा रहा है।
दूसरी ओर साय सरकार ने CGMSC को लेकर भी बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने साल 2017-18 के बाद स्वास्थ्य विभाग के रेट कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर की जाने वाली सभी सप्लाई के टेंडर ऑर्डर को निरस्त कर दिया है। इस एक आदेश से करीब 100 करोड़ का टेंडर खत्म हो गया। दवा और मेडिकल उपकरणों की खरीदी में घोटालों और भ्रष्टाचार के चलते ये कार्रवाई की गई है।
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CG Ki Baat: सीजीपीएससी की सीबीआई जांच और CGMSC को लेकर की गई कार्रवाई के जरिए राज्य सरकार ने साफ मैसेज दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी सरकार सख्त है।हालांकि घोटालों और घपलों की जांच से क्या ठोस तथ्य निकलते हैं और कितने गुनहगारों पर शिकंजा कसता है ये देखना होगा क्योंकि ज्यादातर मामलों में जांच अपने मुकाम तक नहीं पहुंची हैं और इंसाफ का इंतजार जारी है।