डीआईबीएच तकनीक से रेडिएशन के दुष्प्रभाव को काफी हद तक किया जा सकता है कम एनएच एमएमआई कैंसर संस्थान रायपुर के विशेषज्ञों का ब्रेस्ट कैंसर पर व्याख्यान
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वरिष्ठ कैंसर सर्जरी विशेषज्ञ डॉ रॉय ने दी ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती दौर में इलाज के बारे में जानकारी
भिलाई। ब्रेस्ट कैंसर कई चरणों में प्रभाव डालता है. प्रथम एवं द्वितीय चरण की बीमारी को प्रारंभिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाता है. वहीं तृतीय एवं चतुर्थ चरण में यह व्यापक रूप ले लेता है, अगर समय पर इसका उपचार नहीं किया गया तो यह जानलेवा साबित हो सकता है. यह बातें वरिष्ठ कैंसर सर्जरी विशेषज्ञ डॉ मऊ रॉय ने कही.
एनएच एमएमआई कैंसर संस्थान रायपुर एवं आईंएमए एएमएस दुर्ग-भिलाई शाखा एवं छत्तीसगढ़ शाखा द्वारा संयुक्त रूप से भिलाई में ब्रेस्ट कैंसर विषय पर आयोजित व्याख्यान में वरिष्ठ कैंसर सर्जरी विशेषज्ञ डॉ मऊ रॉय ने कहा कि वर्तमान समय में ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित अत्याधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध है. उन्होंने ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती दौर में इलाज के बारे में बताया. डॉ मऊ ने ब्रेस्ट सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी के बाद संरक्षण, अंकोप्लास्टिक ब्रेस्ट सर्जरी, कीमोथेरेपी, लक्षित उपचार और हार्मोनल उपचार के विकल्प के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
इसके अलावा सबसे ज्यादा खतरे पर रहने वाली महिलाएं जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक हो अथवा परिवार में ऐसे रोगों का इतिहास रहा हो,पर चर्चा भी की. मैनेजमेंट आफ अर्ली ब्रेस्ट कैंसर तथा लोकली एडवांस ब्रेस्ट कैंसर टापिक पर हुए इस सीएमई में सीएमई जिले के सौ से अधिक डॉक्टर्स मौजूद थे. दूसरे टापिक पर चर्चा करते हुए एनएच एमएमआई कैंसर संस्थान रायपुर के रेडिएशन आॅन्कोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ पीयूष शुक्ला ने रेडिएशन थेरेपी एवं नवीनतम तकनीक से उसके न्यूनतम दुष्प्रभाव के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि हमारे पास महानगरों की तरह डीआईबीएच तकनीक उपलब्ध है, जिसमें रेडिएशन के उपरांत मरीज के फेफड़ों एवं हृदय पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
हॉस्पिटल में हमने एक ट्यूमर बोर्ड का गठन किया है जिसमें कैंसर के ईलाज से जुड़ी तीनों विधाओं यानी कि कैंसर सर्जरी, रेडियोथेरेपी एवं कीमोथेरेपी के विशेषज्ञ शामिल हैं. मरीज को बेहतर इलाज मिल सके इसके लिए मरीज की जांच एवं ईलाज के लिए तीनों विशेषज्ञ एक साथ मिलकर योजना बनाते हैं. एनएच एमएमआई नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के फैसिलिटी डायरेक्टर विनीत कुमार सैनी ने बताया कि इस ट्यूमर बोर्ड की सहायता के लिए हॉस्पिटल में कुशल एवं अनुभवी विशेषज्ञों की टी मौजूद हैं जिसमें फेफड़ा एवं श्वांस रोग विशेषज्ञ, स्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, नाक-कान-गला रोग विशेषज्ञ, मूत्ररोग विशेषज्ञ, मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ, पेट एवं आंतरोग विशेषज्ञ आदि शामिल हैं.
कैंसर सर्जरी से पहले एवं बाद के इलाज में इन विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. यह हॉस्पिटल 250 बेड की क्षमता के साथ मध्यभारत का अग्रणी चिकित्सकीय संस्थान है जो हृदयरोग, मष्तिस्क विज्ञान, गुर्दा रोग और हड्डी रोग जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं दे रहा है