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पेपर मिल का मालिक कंपनी बेचने की फिराक मे मिल में सप्लायर ठेकेदारो,मजदूरों, कर्मचारियों के करोड़ो रूपए फंसे


. मिल परिसर मे घंटो होता रहा वाद- विवाद..
जांजगीर चाम्पा–जांजगीर चाम्पा जिले के ग्राम बिरगहनी में सन 1982 -84 में स्थापित मध्य भारत पेपर मिल आप पूरी तरह बंद पड़ी है । वही मिल के अंदर की मशीनें अब कबाड़ में तब्दील हो गई है। मिल में काम कर रहे मजदूर एवं कर्मचारियों का करोड़ों का भुगतान अभी बाकी है । साथ ही कंपनी में सप्लायर ठेकेदारों का 9 करोड़ का भुगतान होना बाकी है । अब कंपनी के मालिक जयदीप चितलांगे मिल घाटे में होने के बाद मिल को बंद कर कोलकाता फरार हो गया है । लेकिन अभी भी मिल में काम कर रहे मजदूर कर्मचारी एवं मिल में सामान सप्लाई ठेकेदारों का करोड़ों बकाया है जिसको लेकर अब विवाद की स्थिति बन रही है। इस संबंध मे चाम्पा के ठेकेदार राजेश अग्रवाल ने बताया की मिल के अन्दर जब भी मिल प्रबंधक को किसी भी सामान की आवश्यकता महसूस हुई हम सबने वहां उनके विश्वास पर नियमो के अनुरूप सामान सप्लाई किया जिसके पैसे विगत पांच सालो से अटके हुए है हमे वो पैसे नही मिले है जब भी हम पैसो की मांग करते है हमे चिकनी चुपडी बात करके टरका दिया जाता है हम सभी ठेकेदार मिल प्रबंधन के इस रवैये से काफी परेशान है वही कैन्टीन संचालक ने भी विगत नौ माह से राशन सामान का पैसा रूका होना बताया है इसीप्रकार सायकल स्टैण्ड सहित विभिन्न कार्यो का भुगतान होए बिना ही मिल को बेचने की तैयारी का अँदेशा लोग लगा रहे है लोगो का मानना है की मिल के मालिक जगदीश चितलांगे मौका देख मिल को अब बेचने के फिराक में है । वही कोलकाता की एक कंपनी से मध्य भारत पेपर मिल को टेकओवर करने को लेकर बातचीत चल रही है। जिसको लेकर आज कंपनी के कर्मचारी मिल परिसर पर पहुंचे हुए थे । इसकी भनक वहां के मजदूर कर्मचारी एवं सप्लायर ठेकेदारों को हो गई। जिसको लेकर ठेकेदारों ने कंपनी कर्मचारियों को अंदर घुसने से रोक दिया। और घंटो तक दोनों के बीच वाद-विवाद होते रहा अंत में मामला कोतवाली तक पहुंच गई ।जिसकी शिकायत सप्लायर ठेकेदारों ने टीआई से कर दी मौके पर कोतवाली टीआई पहुंच कर दोनों को बातचीत कर सुलझा ने की समझाइश दी। लेकिन ठेकेदारो ने अपनी बात पर अड़े रहे .

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