खास खबरछत्तीसगढ़दुर्ग भिलाईराजनीतिक

टायफाईड, डेंगू और मलेरिया के मरीजों को देखते हुए जनता से सतर्कता की अपील

टायफाईड, डेंगू और मलेरिया के मरीजों को देखते हुए जनता से सतर्कता की अपील

बारिश के मौसम में विभिन्न कीटाणुओं और विषाणुओं के संपर्क में आने से अनेक तरह की बीमारियों का खतरा होता है, जिनकी ओर ध्यान न देने पर गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। मानसून के आगमन के साथ ही शहर में टायफाईड, डेंगू, दस्त-पेचिश और मलेरिया आदि के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है| अत: इस्पात नगरी में इन बीमारियों के रोकथाम के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र, जनता से सतर्कता की अपील करता है, कि इन मानसूनी बीमारियों से बचाव के आवश्यक उपायों व तरीकों का गंभीरता से पालन करे|
मानसून के इन्हीं खतरों के दृष्टिगत भिलाई इस्पात संयंत्र के जनस्वास्थ्य विभाग, नगर सेवाएं विभाग, इन बीमारयों से सुरक्षा हेतु शहरवासियों को जागरूक करने का निरंतर प्रयास कर रहा है| भिलाई इस्पात संयंत्र के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा, इस्पात नगरी में मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि की रोकथाम के लिए 15 जून 2024 से सघन अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। इस अभियान के तहत, इस्पात नगरी के आवासों का सर्वे, निरीक्षण, दवाओं का वितरण तथा छिड़काव शुरू हो चुका है। बीएसपी का जन स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक रविवार को ड्राई डे मनाती है, जिसके तहत वे घर-घर जाकर पानी के पात्रों को खाली कर उनकी सफाई व दवाइयों का छिड़काव आदि करती है| इसके अलावा बीएसपी के जन स्वास्थ्य विभाग एवं जिला मलेरिया विभाग, दुर्ग द्वारा संयुक्त रूप से लगातार उनके प्रशिक्षित कर्मचारियों के सहयोग से घर-घर सर्वेक्षण, दवाइयों के वितरण और छिड़काव आदि के कार्य के साथ इस्पात नगरी के नागरिकों को इसके लिए निरंतर जागरूक भी किया जा रहा है।

इन बीमारियों से बचाव हेतु इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरीकों की जानकारी होना अति आवश्यक है| डेंगू के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय डेंगू एडिस नामक मच्छर के काटने से होती है, जो दिन के समय काटता है, अतः इससे बचाव के लिए मच्छरों से बचने का पूरा प्रबंध करें जैसे मच्छरदानी का उपयोग, शरीर को पूरा ढकने वाले कपड़ों का इस्तेमाल आदि करें| डेंगू के प्रमुख लक्षण अचानक सिर दर्द व तेज बुखार, मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना, आँखों के पीछे दर्द होना, जी मिचलाना एवं उल्टी होना तथा गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना, त्वचा पर चकत्ते उभरना आदि हैं| डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें| डेंगू से बचने के लिए सावधानी ही सुरक्षा है, अत: डेंगू से बचाव के उपायों को अवश्य अपनाएं| जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें, घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली/परदे लगायें, पैर में मोजे पहने एवं दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। मलेरिया के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय मलेरिया एक गंभीर और कभी-कभी जानलेवा बीमारी है। यह संक्रमित मादा एनाफिलिज़ मच्छर के काटने से फैलती है। आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिन बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं। मलेरिया के लक्षणों में तेज़ बुखार के साथ कपकपी आना, पसीना आना, मतली या उलटी, सिरदर्द, दस्त, थकान महसूस होना, शरीर में दर्द इत्यादि हो सकते हैं| इससे बचने के लिए मच्छरों से बचाव के तरीके अपनाएं व लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें| आंत्रज्वर (टायफायड) के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय आंत्रज्वर जीवन के लिए एक खतरनाक रोग है जो सलमोनेल्ला टायफी नामक जीवाणु (बैक्टीरिया) से होता है, जिसकी संभावना बारिश के मौसम में अत्यंत बढ़ जाती है| आंत्रज्वर (टाइफायड) का उपचार सामान्यतः एंटीबायोटिक दवाइयों से किया जा सकता है। इसे मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह रोग गंदे हाथों से खाना खाने से, दुषित पानी पीने से दूषित खाना खाने से होता है। टायफायड में दस्त लगना व मल में खून आना, भूख न लगना व कमज़ोरी आना, पेट पर पित्तिका निकलना, उल्टियां आना, तेज बुखार व सिर में तेज दर्द होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं| इसके उपचार के लिए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, साथ ही समय पर दवाइयों का सेवन करें व पूरा आराम करें। शौच के बाद व खाना बनाने अथवा खाने से पहले हाथ अच्छी तरह से अवश्य धोएं, स्वच्छ पानी पियें और पूर्णत: पका खाना ही खायें। अपनें आसपास सफाई बनाये रखें और पानी को इकट्ठा न होने दें। दस्त/ पेचिश रोग के कारण, लक्षण एवं रोकथाम के उपाय प्रायः दस्त रोग दूषित पानी के सेवन से होता है। बच्चों में यह बीमारी गंभीर हो सकती है। शरीर से ज्यादा पानी निकल जाने से बच्चे की मृत्यु का खतरा भी बना रहता है। इसके प्रमुख लक्षणों में पेचिश, बुखार आना, पेट में ऐंठन, निर्जलीकरण, मतली और उल्टी, भूख में कमी इत्यादि हैं| इससे बचने के लिए तरल पदार्थों का, शुद्ध पेयजल एवं शुद्ध भोजन का सेवन करें| अच्छी तरह से हाथ धोकर खाना खाएं, हरी सब्जी एवं फलों का सेवन धोकर करें, सड़े गले फल एवं खाद्य पदार्थों का उपयोग न करें, खाने-पीने की वस्तुओं को ढंककर रखें, दस्त लगने पर डॉक्टर की सलाह पर ओ.आर.एस. एवं जिंक सल्फेट गोली का उपयोग करें। नागरिकों से अपील भिलाई इस्पात संयंत्र का जनस्वास्थ्य विभाग, नगर सेवाएं विभाग पुन: इस्पात नगरी के सभी शहरवासियों से अपील करता है कि उपरोक्त मौसमी बीमारियाँ हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं, अत: इन बीमारियों के प्रति जागरूक रहते हुए सभी आवश्यक सावधानियों एवं उपायों का पालन अवश्य करें|

Related Articles

Back to top button