#SarkarOnIBC24 : RSS का फिर दावा- ‘आबादी में असंतुलन’, दावे पर सियासी संग्राम, ‘जाति जनगणना’ की मांग
नई दिल्ली : #SarkarOnIBC24 : क्या देश में जनसंख्या असंतुलन बढ़ रहा है। क्या हिंदुओं की तुलना में मुसलमानों की आबादी लगातार बढ़ रही है। ये सवाल हम कर रहे हैं। संघ की मैगजीन ऑर्गेनाइजर वीकली के दावे के बाद। जी हां आर्गेनाइजर ने अपने ताजा संपादकीय में लिखा है कि भारत में मुस्लिमों की जनसंख्या मे तेजी से इजाफा हुआ है और इस असंतुलन को खत्म करने जल्द ही जनसंख्या नीति बनाकर समान रूप से लागू किया जाए। इस दावे के बाद सियासी पारा चढ़ने लगा है।
#SarkarOnIBC24 : लोकसभा चुनाव से पहले जाति जनगणना को जोर-शोर से उठाने वाली कांग्रेस ने फिर जाति जनगणना का राग छेड़ा है। इस बार विपक्ष ने ये मांग RSS के नए दावे के बाद किया है। वैसे तो पहले भी कई मौकों पर संघ ये कहता रहा है कि देश में एक समान जनसंख्या कानून नहीं होने से आबादी के असंतुलन का खतरा मंडरा रहा है। इस कड़ी को आगे बढ़ाया है संघ के वीकली मैगजीन ऑर्गेनाइजर ने अपने ताजा एडिशन में ऑर्गनाइजर ने एक राष्ट्रीय जनसंख्या नीति पर जोर देते हुए लिखा है।
‘राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर होने के बावजूद, ये सभी धर्मों और क्षेत्रों में समान नहीं है। कुछ क्षेत्रों, खासकर बॉर्डर एरिया में मुस्लिम आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड जैसे सीमावर्ती राज्यों में सीमाओं पर अवैध विस्थापन की वजह से अप्राकृतिक तरीके से जनसंख्या बढ़ रही है। पश्चिम और दक्षिण के राज्य जनसंख्या नियंत्रण उपायों को लागू करने में अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें जनगणना के बाद आबादी में बदलाव होने पर संसद में कुछ सीट कम होने का डर है। ऐसे में हमें ये सुनिश्चित करने के लिए नीतियों की जरूरत है कि जनसंख्या वृद्धि से किसी एक धार्मिक समुदाय या क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े।
#SarkarOnIBC24 : जनसंख्य़ा को लेकर संघ के दावे का आधार क्या है। इसपर सियासी बहस तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि बीजेपी और आरएसएस के पास कोई एजेंडा नहीं है। सिर्फ नफरत, झूठे को आंकड़े लेकर आते हैं. जब 2011 के बाद देश में सेंसेस नहीं हुआ तो फिर ये रिपोर्ट कहां से आई। दिग्विजय के हमले पर एमपी के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने पलटवार किया। लोकसभा, विधानसभा की हार नहीं भूले हैं दिग्विजय सिंह और कितना कांग्रेस का नुकसान कराएंगे।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप एक तरफ लेकिन जनसंख्या पर समग्र नीति की मांग संघ बहुत पहले से करती आ रही है। ऐसे में क्या अब इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। क्योंकि अगर देश में जनसंख्या असंतुलन जैसी स्थिति बन रही है, तो क्या अब इसे नियंत्रण करने के लिए एक समग्र कानून ही आखिरी विकल्प बच गया है।