सरकारी धन का बंदरबाट, शमशान के नाम पर खदान तक जाने बना दिया एप्रोच रोड
सरकारी धन का बंदरबाट, शमशान के नाम पर खदान तक जाने बना दिया एप्रोच रोड
दुर्ग लोक निर्माण विभाग मैं सड़क निर्माण के नाम पर बड़े गफलत का खुलासा हुआ है मामले को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं उसके मुताबिक ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंककर पीडब्ल्यूडी के अफसरो ने शमशान पहुंच मार्ग के नाम पर निजी खदान व क्रेशर संचालको के लिए 40 फिट चौड़ी आलीशान सीसी रोड का निर्माण कर दिया गया है इस तरह मिली भगत कर सरकारी खजाने को लाखों रुपए की छती पहुंचाई गई खास बात यह है कि सड़क का निर्माण शामिलात चारागाह की जमीन पर किया गया है लेकिन ना तो संबंधित पंचायतो से अनुमति ली गई है और ना ही पंचायतो ने सड़क निर्माण मांग ही की है पंचायत में सड़क निर्माण का कोई भी प्रस्ताव भी नहीं लिया गया है
मामला पाटन विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत सेलूद और चुनकटा
का है यहां दुर्ग पाटन मुख्य मार्ग पर धान संग्रहण केंद्र से पहले चुनकट्टा श्मशान घाट के लिए पहुंच मार्ग बनाया गया है सड़क का निर्माण सेलूद के शमिलात चारागाह की जमीन पर किया गया है चुनकटा श्मशान घाट के लिए महज 245 मीटर सड़क की जरूरत थी मुख्य मार्ग पर 245 मीटर लंबाई का सूचना बोर्ड भी लगाया गया है लेकिन अफसरो ने खदान संचालकों से मिलीभगत कर श्मशान घाट के बाद भी करीब 350 मीटर लंबी अतिरिक्त आलीशान टू लेन सड़क का निर्माण कर दिया गया है इस तरह 245 मीटर की जगह करीब 600 मीटर सड़क का निर्माण किया गया है शमशान घाट के बाद भी सेलूद के शामिलात चारागाह की जमीन पर सड़क बनाया गया है लेकिन आगे खदान वह क्रेशर को छोड़कर कोई भी आबादी अथवा मार्ग नहीं है सूचना का अधिकार के तहत सेलूद वा चुनकटा दोनों ही ग्राम पंचायत से सड़क की मांग अनुमति अथवा प्रस्ताव की जानकारी मांगी गई है जानकारी मांगने वाले जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे के मुताबिक दोनों ही पंचायत द्वारा दी गई जानकारी में इससे इनकार किया गया है ऐसे में सवाल यह है कि बिना डिमांड व प्रस्ताव के सड़क किसके कहने पर बनाया गया है शामिलात चारागाह की जमीन पर पंचायत की अनुमति भी जरूरी है
खदान वा क्रेशर संचालक को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए सड़क बनाई गई है इस सड़क का उपयोग निजी व व्यापारिक रूप से किया जा सके इसके लिए किया गया है यह सड़क किसी भी अन्य व्यक्ति के लिए उपयोगी नहीं है इसलिए यह व्यक्तिगत लाभ के लिए सरकारी पैसे की बर्बादी का मामला है अतिरिक्त खर्च की गई राशि वसूलकर सरकारी खजाने में जमा कराया जाना चाहिए
संबंधित अधिकारियों से वसूली की मांग सेलूद छेत्र के जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे ने मामले की कलेक्टर से शिकायत की है उन्होंने मामले की अफसरो व खदान संचालकों की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए सरकारी धन की बर्बादी का आरोप लगाया है