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गैर छत्तीसगढिया अवैध कब्ज़ाधारियों को पट्टा देने से आबादी का संतुलन बिगड़ा : स्वाभिमान मंच

दुर्ग – भूपेश बघेल की सरकार द्वारा नवंबर 2018 के पूर्व सरकारी भूमि पर अवैध कब्जाधारी गैर छत्तीसगढिय़ों को पट्टा देकर स्थाई रूप से बसाने 1984, 1998, 2002 के पट्टों का नवीनीकरण करके पट्टाधारियों को भूमि स्वामी हक प्रदान करने संबंधी निर्णय का विरोध करते हुए छत्तीसगढ़ स्वाभीमान मंच ने दुर्ग कलेक्टरेट में जमकर नारेबाजी करके आक्रोश व्यक्त किया और एडीएम प्रमोद शांडिल्य को मुख्यमंत्री के नाम विरोध पत्र दिया।

इस अवसर पर उपस्थित प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मंच के अध्यक्ष एड. राजकुमार गुप्त ने बघेल सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आगाह किया है कि वे इस मुगालते में न रहें कि वे छत्तीसगढ़ के मालिक हैं। राज्य के नैसर्गिक संसाधनों पर छत्तीसगढिय़ों का हक है सरकार की भूमिका सिर्फ कस्टोडियन और केयर टेकर की है नैसर्गिक संसाधनों का छत्तीसगढिय़ों के हित में प्रबंधन करना सरकार का दायित्व है पर प्रांतीय मूल के लोगों को लाभ पहुंचाने का अधिकार सरकार को नहीं है।

युवा स्वाभिमान मंच के प्रदेश अध्यक्ष पूरनलाल साहू ने कांग्रेस की सरकारों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राजनीतिक लाभों के लिये छत्तीसगढ़ में आबादी का संतुलन गड़बड़ाने के लिये वे ही जिम्मेदार हैं, प्रदर्शनकारियों को युवा स्वाभिमान मंच के प्रदेश संयोजक रऊफ खान ने भी संबोधित किया। मुख्यमंत्री को भेजे गये विरोध पत्र में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने सिर्फ 1951 की जनगणना के पूर्व निवास करने वालों के वंशजों को ही पट्टा देने और नवीनीकरण करने और बाकी पट्टे निरस्त करने की मांग की है प्रदर्शन करने वालों में अक्षय साहू, रूपनारायण साहू, मोहन पटेल, कीर्तन साहू, लोकेश साहू, अरूण सार्वा, प्रतीक साहू, गोविंद डहरिया, नवीन वर्मा, बलराम राजपूत, धीरज यदु, राकेश निषाद, निखिल सोनकर, संतोष भारती, हेमंत खूंटे, गिरिराज सिंह, कमलनारायण वर्मा, नुरेश धनकर, चंद्रशेखर विश्वकर्मा, प्रकाश निर्मलकर सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।

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