#SarkarOnIBC24: लोकसभा के बाद निकाय चुनाव की सुगबुगाहट तेज, क्या जनता को फिर मिलेगा मेयर और अध्यक्ष चुनने का अधिकार?
रायपुरः Chhattisgarh Urban Bodies Election छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होंगे। राज्य सरकार ने निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। इस बार महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने पर विचार किया जा रहा है। आखिर क्यों अप्रत्यक्ष प्रणाली को बदलने की हो रही है चर्चा? क्यों इसे लेकर जुबानी जंग छिड़ी है? समझते हैं इस खबर के जरिए
Chhattisgarh Urban Bodies Election लोकसभा चुनाव के बाद अब छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव की सुगबुगाहट तेज है। निकायों में परिसीमन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। चुनावी तैयारियों से इतर फिलहाल एक सवाल सबसे मन है कि इस बार शहर सरकार का चुनाव प्रत्यक्ष होगा या फिर अप्रत्यक्ष? वैसे राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होता रहा। जनता अपने पार्षद के साथ ही महापौऱ और अध्यक्ष के लिए भी वोट करती थी, फिर 2019 में कांग्रेस की सरकार सत्ता में आते ही अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर चुनाव हुआ। अब जब फिर से सरकार की कमान बीजेपी के पास है तो माना जा रहा है कि मेयर और अध्यक्ष प्रत्यक्ष प्रणाली से चुने जाएं। हालांकि सत्तापक्ष फिलहाल इस पर चर्चा की बात कर रही है। वो विपक्ष का तर्क है कि बिना सोचे समझे सरकार को कोई कदम नहीं उठाना चाहिए।
जानें छत्तीसगढ़ में कितनी है नगरीय निकायों की संख्या?
छत्तीसगढ़ में कुल 14 नगर निगम, 48 नगर पालिका और 122 नगर पंचायत हैं। इसी साल के अंत में यहां चुनाव प्रस्तावित है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनाव की चर्चा के बीच कांग्रेस और बीजेपी इन चुनावों की तैयारियों में जुट गई है। बीजेपी विधानसभा और लोकसभा जीत से उत्साहित है तो लगातार दो बड़ी हार के बाद भी कांग्रेस भी चुनाव तैयारी में जुटने का दावा कर रही है। क्योंकि छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। ऐसे में आने वाले निकाय चुनाव के नियमों में बदलाव देखे जा सकते हैं।