#SarkarOnIBC24: लाखों छात्रों का सवाल..सियासी बवाल! NEET-UG परीक्षा को लेकर क्यों उठ रहे सवाल? देखिए वीडियो

नई दिल्लीः NEET-UG exam देश में लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आज अगर कोई मुद्दा सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वो NEET-UG का मुद्दा है। जिसकी परीक्षा में धांधली के आरोपों के चलते NTA और केंद्र सरकार सवालों के घेरे में है। NEET परीक्षा में बैठे लाखों छात्रों का भविष्य दांव पर है। जिसके चलते इस पर सियासत भी जमकर हो रही है। गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले के क्या हैं मायने और क्यों इस पर सियासत गरमाई हुई है। विस्तार से देखिए आईबीसी24 की इस रिपोर्ट में…
NEET-UG परीक्षा धांधली केस में गुरूवार को छात्रों को बड़ी जीत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने NEET परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी को देखते हुए 1,563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए। साथ ही NTA को इन छात्रों की परीक्षा फिर से आयोजित कराने के निर्देश दिए। अब ग्रेस मार्क्स हासिल करने वाले इन छात्रों के पास दो ऑप्शन हैं। ये छात्र 23 जून को री-एग्जाम में बैठ सकते हैं या फिर ग्रेस मार्क्स लिए बगैर पुराने स्कोर के साथ ही काउंसलिंग की तरफ आगे बढ़ सकते हैं। री-एग्जान का रिजल्ट 30 जून को आएगा। ये छात्र 6 जुलाई से काउंसलिंग में भी शामिल हो सकते हैं। NEET-UG exam
NEET-UG परीक्षा में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए थे इनमें से ग्रेस अंक पाए 15सौ 63 छात्रों के पास दोबारा परीक्षा का ऑप्शन है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही दोहराया है कि नीट यूजी की काउंसलिंग पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। आपको बता दें NTA ने 5 मई को नीट परीक्षा कराई थी, लेकिन जब 4 जून को रिजल्ट जारी किया तो देशभर में हंगामा हो गया। दरअसल परीक्षा में 67 छात्रों को 720 में से पूरे 720 अंक मिले थे। ऐसा NEET-UG के इतिहास में कभी नहीं हुआ था। परीक्षा में बैठे 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे। ग्रेस मार्क्स 10 या 20 नहीं बल्कि 100 से 150 दिए थे। ग्रेस मार्क्स पाए इन्हीं 67 छात्रों के पूरे 720 अंक आए थे। ग्रेस मार्क्स के चलते कई बच्चे मेरिट लिस्ट से बाहर हो गए। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में उनका प्रवेश मुश्किल हो गया था। दिल्ली में 10 जून को बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। आरोप है कि ग्रेस मार्क्स के चलते 67 छात्रों ने टॉप किया है।
जबलपुर हाईकोर्ट में छात्रों ने दायर की याचिका
NEET-UG परीक्षा का आयोजन देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में MBBS, BDS, आयुष और इससे संबंधित दूसरे मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए किया जाता है और देशभर में ये परीक्षा NTA कराता है। जबलपुर हाईकोर्ट में भी इसे लेकर छात्रों ने याचिका दायर कर रखी है। साफ है NEET-UG देश की प्रतिष्ठित परीक्षा है और लाखों छात्रों के भविष्य का सवाल है, जिसके चलते इस पर सियासत भी खूब हो रही है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार को लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है।
5 जुलाई को होगा फैसला
देश में मेडिकल की पढ़ाई को सबसे सम्मानित करियर ऑप्शन में गिना जाता है। स्टूडेंट्स इसके लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लेकिन परीक्षा में धांधली और पेपर लीक जैसी घटनाओं से सिर्फ छात्रों की मेहनत पर ही पानी नहीं फिरता बल्कि उनका मनोबल भी टूट जाता है। दूसरी ओर देश को अच्छे डॉक्टर भी नहीं मिल पाते। फिलहाल छात्रों को अभी आधी जीत मिली है। कोर्ट में कई याचिकाएं NEET-UG परीक्षा रद्द करने को लेकर भी दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट इन मामलों की सुनवाई 5 जुलाई को करेगा।