ग्राम ढाबा में बने गौठान से उत्साहित आसपास क्षेत्र के ग्रामीण भी कर रहे है अपने क्षेत्र में गौठान की मांग
दुर्ग / दुर्ग ब्लाक के ग्राम ढाबा के माडल गौठान की वजह से इस साल फसल मवेशियों से सुरक्षित रही । नजदीकी गांव वालों ने इसे देखा और वे भी अपने गांवों में गौठान की मांग कर रहे हैं । इस माडल गौठान से बिल्कुल समीप से लुमरी नाला गुजरता है। बरसों से इस नाले में गाद जम जाने की वजह से नाले का पानी रिचार्ज नहीं हो रहा था। इस साल नाले का ट्रीटमेंट भी किया गया। मनरेगा से दो किमी क्षेत्र में 6 इंच तक गाद निकाली गई। 18 लाख रुपए से मनरेगा अंतर्गत कार्य किया गया और लगभग ढाई महीने तक यह कार्य चला। इससे क्षेत्र का जलस्तर बढ़ा है। गांव के निवासी लक्ष्मी नारायण मढ़रिया बताते हैं कि इस सीजन में पानी साठ फीट तक नीचे चला जाता था, अभी बोर कराया गया तो पानी दस फीट में ही आ गया। नाले का ट्रीटमेंट होने से भूमिगत जलस्तर में कमाल की बढ़ोत्तरी देखी गई है। जनपद पंचायत सीईओ श्री राजपूत ने बताया कि गौठान समिति नियमित बैठक लेकर गौठान को बेहतर करने के संबंध में निर्णय लेती है। समय-समय पर गौठान समिति को तकनीकी सलाह एवं मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाता है ताकि नरवा-गरवा-घुरूवा बाड़ी योजना के सारे लाभ ग्रामीणों को मिल सके।
12 एकड़ का है गौठान, 2 एकड़ में है तालाब- ग्राम ढाबा का माडल गौठान बारह एकड़ में फैला है। इसके बगल से दो एकड़ जमीन में तालाब है जिस पर गौठान समिति द्वारा मछलीपालन किया जा रहा है। गांव की सरपंच श्रीमती रुक्मिणी मढ़रिया ने बताया कि माडल गौठान के संचालन के लिए गौठान समिति का निर्माण किया गया है। आज गांव में गौठान समिति की बैठक भी थी। बैठक में गौठान में बनाये जा रहे कंपोस्ट खाद के विक्रय, गायों के रखरखाव आदि के संबंध में चर्चा हुई। रुक्मिणी ने बताया कि सभी ग्रामीणों को लगता है कि गौठान हमारे लिए वरदान की तरह है। मिलजुलकर सामूहिक रूप से इसे चलाना है और इसे उन्नति का माध्यम बनाना है ताकि पूरे गांव की आय बढ़ सके। गांव वाले इसमें पूरी रुचि दिखा रहे हैं। अभी गांव वालों ने 6 ट्रैक्टर पैरा एकत्रित कर गौठान में पशुओं के लिए दिया।
नस्ल सुधार का हो रहा काम
गौठानों में पशुधन विकास विभाग के अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण कर रहे हैं और गौवंश के नस्ल सुधार पर भी काम कर रहे हैं। गायों की देखभाल कर रहे पहाटिया ने बताया कि बीते दिनों तीन गायों का नस्ल संवर्धन किया गया। गौठान बनने के बाद यहां छह बछड़ों ने जन्म दिया है।
अगली फसल के लिए बाड़ी भी तैयार
यहां बाड़ी में गोभी की फसल लगाने की तैयारी की जा रही थी। रुक्मिणी ने बताया कि कुछ ही दिनों में गोभी की फसल तैयार हो जाएगी। बाड़ी के माध्यम से गांव की सब्जी की जरूरत पूरी होगी और बच्चों के लिए भी पोषाहार मिल पाएगा।
आंवला, आम, कदंब, पेड़ से गुलजार होगा माडल गौठान
गौठान में आंवला, आम, कदंब, बादाम जैसे पौधे लगाए गए हैं। इनका उचित तरीके से रखरखाव हो रहा है। सरपंच ने बताया कि सभी पौधे अब तक सुरक्षित हैं और कुछ ही बरसों में माडल गौठान घने पेड़ों की छाया से गुलजार हो जाएगा।