जीतने के 15 मिनट ही पद पर रह सकीं कांग्रेस प्रत्याशी मीना, पूर्व अध्यक्ष गीतांजलि काे मिला हाईकोर्ट से स्टे
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सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़ बिलासपुर- बिल्हा जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए हुए उप चुनाव में कांग्रेस की मीना हजारी भारद्वाज बुधवार को मतदान पश्चात, मतगणना में निर्वाचित घोेषित की गईं। इसके 15 मिनट बाद ही पूर्व अध्यक्ष गीतांजलि कौशिक को पद पर बने रहने के लिए हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। अध्यक्ष पद के लिए उपचुनाव गीतांजलि कौशिक के निर्वाचन क्षेत्र परसदा के नगर निगम की सीमा वृद्धि में शामिल होने के कारण सदस्यता समाप्त होने की वजह से कराए गए थे। इनके साथ ही 6 अन्य सदस्यों की सदस्यता उनके निर्वाचन क्षेत्र निगम सीमा में शामिल होने के कारण समाप्त कर दी गई थी।
कुल 18 वोटों में से 12 मीना हजारी और 6 नीलम विक्रम सिंह को मिले
- अध्यक्ष पद के उप चुनाव में कुल पड़े 18 मतों में से 12 मत मीना हजारी भारद्वाज को तथा शेष 6 मत नीलम विक्रम सिंह को मिले। इधर मीना भारद्वाज को अध्यक्ष घोषित हुए 15 मिनट भी नहीं बीते थे कि शाम 4 बजे हाईकोर्ट ने गीतांजली कौशिक को स्टे देते हुए उनका पद बरकरार रखने के आदेश दिए। कोर्ट के आदेश के बाद इस मामले में पंचायत विभाग के उपसंचालक जेपी शुक्ला ने कहा कि उन्हें हाईकोर्ट का आदेश अभी नहीं मिला है। आदेश मिलने के बाद ही वे कुछ कहने की स्थिति में होंगे।
- दाेपहर से ही बिल्हा जनपद में चुनाव के मद्देनजर भाजपा और कांग्रेस के पदाधिकारियों की भीड़ जुट गई थी। बिल्हा जनपद में दोपहर 1 बजे से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। चुनाव के पहले से ही साफ था कि कांग्रेस के जनपद सदस्यों का बहुमत होने की वजह से उनका ही अध्यक्ष जीतेगा। दोपहर 3.45 बजे एसडीएम और निर्वाचन अधिकारी अखिलेश साहू ने परिणाम घोषित किया जिसमें मीना हजारी भारद्वाज को विजयी घोषित किया गया। इसके कुछ देर बाद ही हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया।
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गीतांजलि को मिला स्टे, पद पर बनी रहेंगी
गीतांजलि कौशिक परसदा की वोटर होने के कारण जनपद पंचायत की अध्यक्ष बनी थी। परसदा के नगर निगम में शामिल होने के बाद उन्हें 26 अक्टूबर 2019 को बिल्हा मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने उनको पद से हटा दिया। बिना कारण बताए पद से हटाए जाने पर गीतांजलि ने हाईकोर्ट में सीईओ के आदेश को चुनौती दी। कोर्ट में उन्होंने यह बताया गया कि याचिकाकर्ता दगौरी की वोटर हो गई हैं, इसलिए उन्हें बिल्हा जनपद पंचायत के अध्यक्ष पद पर बने रहने का अधिकार है। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस पी.सैम कोशी की एकलपीठ कौशिक को पद से हटाने की कार्रवाई पर रोक लगाने के आदेश दिए।
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