ईश्वर को साक्षी मान हर कार्य करें-ज्योतिष

*ईश्वर को साक्षी मान हर कार्य करें-ज्योतिष*
ईश्वर को अपने मन में रखकर, उसकी साक्षी में सब कार्य करें, आप गलत कार्य नहीं करेंगे, अच्छे कार्य करेंगे, और ईश्वर आपको आनन्दित कर देगा।
जैसे प्रजा, राजा के संविधान के अनुकूल कार्य करती है; तो राजा, प्रजा से प्रसन्न होकर, उसे सुख देता है। जब प्रजा, राजा के संविधान के विरुद्ध कार्य करती है, तो राजा, अप्रसन्न होकर प्रजा को दंडित करता है।
इसी प्रकार से ईश्वर भी हम सब का राजा है, और हम सब उसकी प्रजा हैं। यदि हम ईश्वर के संविधान के अनुकूल कार्य करें, उसके संविधान का उल्लंघन न करें, तो ईश्वर भी हमसे प्रसन्न होकर हमें सुख देगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। और यदि हम ईश्वर के संविधान के विरुद्ध आचरण करेंगे, तो ईश्वर हमसे अवश्य ही अप्रसन्न होकर, हम सब को दंडित करेगा, इसमें भी कोई संदेह नहीं है।
यदि सब लोग ईश्वर के दंड से बचना चाहते हैं और सुख प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसके लिए अनिवार्य रूप से ईश्वर के संविधान का पालन करना ही होगा। उसका पालन कैसे कर पाएंगे? जैसे देश में नागरिक, पुलिस वालों को सामने देखकर कानून का उल्लंघन नहीं करते। वे सोचते हैं कि यहां पुलिस हमको देखती है। यदि हम कानून तोडेंगे, तो पुलिस हमें पकड़कर दंडित करेगी। इसलिये पुलिस द्वारा देखने पर नागरिक कानून नहीं तोड़ते।
इसी प्रकार से ईश्वर के संबंध में भी हमें ऐसा ही स्वीकार करना होगा। ईश्वर हमारे अंदर बाहर चारों ओर 24 घंटे विद्यमान है। वह हमारे मन में भी विद्यमान होने के कारण, हमारे मन के विचारों को भी जानता है। वाणी के सभी शब्दों को सुनता है, और शरीर के सभी आचरणों को भी 24 घंटा देखता है। वह सदा हमारे साथ ही रहता है। हमारे सब कर्मों का साक्षी है। इसलिए ईश्वर से तो हम कभी भी बच ही नहीं सकते। इस भावना को अपने मन में दृढ़ करें।
तो जैसे कानून तोड़ते समय पुलिस से डर लगता है, ऐसे ही ईश्वर का संविधान तोड़ते समय यदि आपको ईश्वर से भी डर लगने लग जाए, तो आप कोई भी गलत काम नहीं करेंगे, और सब अच्छे कर्म ही करेंगे। तब ईश्वर आपको दंड नहीं देगा, बल्कि आनंद ही देगा।
तो सार यह हुआ कि ईश्वर को अपने मन में सदा स्थापित/स्मरण रखें, उसकी साक्षी में ही सारे कार्य करें। फिर देखें, ईश्वर के सारे फैसले आपके ही पक्ष में होंगे, और आपके जीवन में आनंद ही आनंद होगा।