#SarkarOnIBC24: सेहत, साजिश और सियासत! सीएम नवीन पटनायक की तबीयत पर पीएम मोदी ने उठाए सवाल
नई दिल्ली: Lok Sabha Chunav 2024 इधर ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की सेहत को लेकर नहीं बहस छिड़ गयी है। दरअसल एक चुनावी सभा के दौरान नवीन पटनायक के कांपते हाथों को वीके पांडियन ने संभाला, तो अगले ही दिन पीएम मोदी ने पटनायक की तबीयत पर ही सवाल उठा दिया कि अचानक नवीन बाबू की तबियत कैसे बिगड़ी। इस रहस्य से पर्दा उठना जरूरी है। जिसपर नवीन पटनायक ने तंज कसते हुए जवाब दिया कि अगर पीएम को मेरी इतनी ही चिंता है तो फोन कर लेते।
ओडिशा में इस बार पीएम मोदी ने कमल खिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। फाइनल राउंड में ओडिशा की 6 सीटों के साथ विधानसभा सीटों पर भी वोटिंग होनी है। चुनाव प्रचार खत्म होने से एक दिन पहले पीएम ओडिशा के मयूरभंज पहुंचे। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बीजेडी और पटनायक सरकार पर जमकर बरसे। हालांकि इस दौरान पीएम ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की तबियत पर गंभीर सवाल उठाया और दावा किया कि ओडिशा में बीजेपी सरकार आने के बाद ये जांच करेगी कि नवीन बाबू की तबीयत कैसे बिगड़ी।
पीएम मोदी के इस बयान के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। मसलन नवीन पटनायक की तबियत बिगड़ी या बिगाड़ी गई। बीजेपी इस मुद्दे को क्यों उठा रही है और पीएम मोदी ने ऐसा क्यों कहा चलिए इसकी वजह भी आपको बताते हैं। ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की ये तस्वीरें इसी चुनाव के दौरान प्रचार की हैं। जब उनके कांपते हाथों को वीके पांडियन ने संभाला था। दरअसल वी के पांडियन को उनका उत्तराधिकारी माना जाता है। बीजेपी का आरोप है कि ओडिशा सरकार को वी के पांडियन ही चला रहे हैं।
बीजेपी के आरोपों पर सीएम नवीन पटनायक ने पलटवार करते हुए महज ध्यान भटकाने वाला कदम बताया और तंज कसा कि अगर उन्हें इतनी चिंता थी तो मुझे फोन लगाकर पूछ लेते।
Read More: #SarkarOnIBC24: सियासी जंग में ‘लंच’, भारी प्रपंच! एक बार फिर से मटन-मछली पर बयानबाजी तेज
ओडिशा में जब बीजेपी-बीजेडी गठबंधन की कोशिशें चल रही थीं, उस वक्त सियासी हल्कों में ये चर्चा थी कि राज्य में विधानसभा में बीजेडी को ज्यादा सीटें मिलें और लोकसभा में बीजेपी को लेकिन, बीजेडी ने इसे नकार दिया। 2019 में लोकसभा की 21 में से 12 सीटें बीजेडी ने जीती थीं और उसे 43 फीसदी वोट शेयर मिले थे। बीजेपी के खाते में 8 सीटें आई थीं, वोट शेयर था 39 फीसदी।
कांग्रेस को सिर्फ 1 सीट से संतोष करना पड़ा था और वोट शेयर 13.4 फीसदी थे। दूसरी ओर 147 सदस्यीय विधानसभा में बीजेडी को 112 सीटें, बीजेपी को 23 सीटें और कांग्रेस को 9 सीटें मिली थीं। ये तो साफ है कि बीजेपी ओडिशा में लगातार मज़बूत होती जा रही है, लेकिन इस बार के नतीजों से ये पता चल जाएगा कि क्या नवीन पटनायक शारीरिक के साथ-साथ सियासी ताकत में भी कमज़ोर होते जा रहे हैं।