Changes in Credit Card Rules : क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वालों के लिए बड़ी खबर, इन 4 बैंकों ने नियमों में किया बदलाव
Changes in Credit Card Rules : नई दिल्ली। आज के दौर में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल प्रासंगिक है। कई बैंक व क्रेडिट कार्ड कंपनी ने मई 2024 में क्रेडिट कार्ड से संबंधित नियमों में बदलाव किया है। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड के ग्राहक हैं तो आपको इन बदलाव के बारे में पता होना चाहिए। साथ ही बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी द्वारा निर्धारित लेटेस्ट फी और गाइडलाइंस का पालन करना सुनिश्चित करना चाहिए। कुछ बैंक व कंपनी ने क्रेडिट कार्ड से संबंधित फी, चार्ज और नियमों में बदलाव किया है। इस महीने जिन बैंकों ने अपने क्रेडिट कार्ड नियमों में बदलाव किया है, वे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा, यस बैंक, आईडीबीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक। तो चलिए जानते हैं कि क्या क्या बदलाव किए गए हैं।
Swiggy HDFC Bank Credit Card
अगर आप स्विगी एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड के यूजर्स हैं तो आपके लिए खुशखबरी है। अब इस क्रेडिट कार्ड के कैशबैक स्ट्रक्चर को संशोधित किया गया है। यह बदलाव 21 जून, 2024 से प्रभावी होंगे। 21 जून से अर्न कोई भी कैशबैक स्विगी मनी के बजाय क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में दिखाई देगा। इसका मतलब है कि कैशबैक अगले महीने के स्टेटमेंट बैलेंस को कम कर देगा। इस तरह से आपके बिल में कमी आ जाएगी।
IDFC First Bank
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने कहा है कि यूटिलिटी बिलों के लिए क्रेडिट कार्ड से पेमेंट की कुल राशि 20,000 रुपये से अधिक होने पर वह 1 फीसदी प्लस जीएसटी अतिरिक्त लगाएगा। एक स्टेटमेंट साइकिल के भीतर आपके यूटिलिटी बिल ट्रांजैक्शन (गैस, बिजली और इंटरनेट) 20,000 रुपये या उससे कम है, तो कोई सरचार्ज नहीं लगेगा। हालांकि फर्स्ट प्राइवेट क्रेडिट कार्ड, एलआईसी क्लासिक क्रेडिट कार्ड और एलआईसी सेलेक्ट क्रेडिट कार्ड पर यूटिलिटी सरचार्ज नहीं लगेंगे।
BOBCARD One
बैंक ऑफ बड़ौदा ने अपने BOBCARD One को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर और लेटे पेमेंट फीस को बढ़ा दिया है। बढ़ी हुई दरें 26 जून, 2024 से प्रभावी होंगी।
Yes Bank
यस बैंक ने ‘प्राइवेट’ क्रेडिट कार्ड प्रकार को छोड़कर, अपने सभी क्रेडिट कार्डों के विभिन्न एस्पेक्ट्स को संशोधित किया है। ये बदलाव केवल बैंक के कुछ क्रेडिट कार्ड प्रकारों पर फ्यूल फी कैटेगरी को प्रभावित करते हैं. ये बदलाव ‘प्राइवेट’ के अपवाद के साथ वार्षिक और ज्वाइनिंग फीस की छूट के लिए एक्सपेंडिचर लेवल की गणना से जुड़े हुए हैं। यूटिलिटी ट्रांजैक्शन के लिए एक्सट्रा फी की शर्तों में भी बदलाव हुआ है।