#SarkarOnIBC24 : गौ अभयारण्य योजना के शुरू होने से पहले गरमाई सियासत, क्या छत्तीसगढ़ की राजनीति में मुद्दा बनी रहेगी गाय? देखिए वीडियो

रायपुरः Politics heated on cow sanctuary scheme छत्तीसगढ़ में गाय एक बार फिर राजनीति के केंद्र में आ गई है। पिछली कांग्रेस सरकार ने गोठान को लेकर वाहवाही लूटने की कोशिश की लेकिन सत्ता बदलते ही उस योजना पर भ्रष्टाचार के आरोप लग गए। अब साय सरकार गौ अभयारण्य बनाने जा रही है। इसके शुरू होने से पहले ही पर प्रदेश में नई सियासत शुरू हो गई है।
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Politics heated on cow sanctuary scheme छत्तीसगढ़ की साय सरकार गौ अभयारण्य योजना लाने जा रही है। इस योजना के तहत आवारा मवेशियों को शहर से दूर जंगल में रखा जाएगा। सीएम साय ने पशुधन विकास विभाग, पंचायत, राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों को इसकी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। गौ अभयारण्य में आवारा मवेशियों के रहने, खाने-पीने, देखरेख और इलाज की पूरी व्यवस्था होगी। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि गौवंश को जनता पाल नहीं पा रही है। गोठान गांव में था तो गांव से गाय खेत और सड़कों तक पहुंचती थी। गांव के गोठान से खेत पास है इसलिए गांव और सड़क से दूर अभयारण्य बनाया जाएगा।डिप्टी सीएम इस दौरान पिछली कांग्रेस सरकार पर हमला करने से भी नहीं चूके।
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पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कही ये बात
साय सरकार की इस योजना के शुरू होने से पहले ही इस पर सियासत शुरू हो चुकी है। पूर्व मंत्री शिव कुमार डहरिया ने कहा कि भाजपा ने गोठानों का विरोध किया था और अब वही काम खुद कर रहे हैं। घोटाले के आरोप पर उन्होंने ये भी कहा कि गोठानों का संचालन ग्रामीण और पंचायत करती है। क्या हर सरपंच और गांव के लोग भ्रष्टाचारी हैं।
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मिलेगी इस समस्या से निजात
गौ अभयारण्य बनने से अवारा मवेशियों की देखभाल हो पाएगी और सड़क हादसों पर अंकुश लगने के साथ यातायात की समस्या से भी निजात मिलेगी। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद योजना पर तेजी से काम किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस के तेवर से साफ है कि साय सरकार की इस योजना पर उसकी नजर रहने वाली है यानी छत्तीसगढ़ की राजनीति में गाय मुद्दा बनी रहेगी।