Female Loco Pilots Pain: इस प्राइवेट काम के लिए देनी पड़ती है कई पुरुष स्टाफ को जानकारी, महिला लोको पायलट ने बयां किया दर्द
नई दिल्ली: Female Loco Pilots Pain दुनिया की सबसे लंबी रेल लाइन की बात करें तो पहला नाम भारतीय रेल का आता है। बीते कुछ सालों में भारतीय रेल ने ताबड़तोड़ तरक्की करते हुए नई तकनीकों को अपनाया है। नई तकनीकों को अपनाने के साथ—साथ भारतीय रेलवे ने यात्रियों को अधिक सुविधा देने वाले फैसले भी लिए हैं। लेकिन भारतीय रेल की कई ऐसी परंपराएं भी हैं जिसे आज तक भारतीय रेलवे ने नहीं बदला है और अब ये परंपराएं और नियम रेलवे कर्मचारियों के लिए मुसीबत बनते जा रही है। इन्हीं मुसीबतों को लेकर हाल ही में महिला लोको पायलट ने अपनी समस्याओं को लेकर विरोध किया है।
Female Loco Pilots Pain दरअसल माल गाड़ी चलाने वाली महिला ने विरोध करते हुए कहा है कि यदि हमें शौचालय जाने के लिए अनुरोध करना होता है तो हमें पुरुष लोको पायलट को बताना होगा, जो स्टेशन मास्टर को सूचित करता है। फिर स्टेशन मास्टर इसे आगे कंट्रोल रूम को बताता है, जो रेलगाड़ियों के संचालन का प्रबंधन करता है।
उन्होंने कहा , “ये सभी बातचीत रेंज के दर्जनों अन्य अधिकारियों तक भी वॉकी-टॉकी के माध्यम से पहुंचती है। स्टेशन पर हर जगह यह संदेश प्रसारित हो जाता है कि एक महिला लोको पायलट शौचालय जाना चाहती है। महिला चालकों ने कहा कि अनौपचारिक रूप से अपनाई गई यह मौजूदा प्रथा शर्मनाक है और उनकी सुरक्षा से समझौता करने के समान है।”
उनके अनुसार, भारतीय रेलवे में कार्यरत 1700 से अधिक महिला ट्रेन चालकों में से 90 प्रतिशत सहायक लोको पायलट हैं, जो यात्री रेल या मालगाड़ियों के पुरुष लोको पायलट के सहायक के रूप में काम करती हैं। एक अन्य महिला लोको पायलट ने बताया, “एक बार जब मैं एक मालगाड़ी पर पुरुष चालक के साथ ड्यूटी पर थी तो मुझे इस कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा। एक यात्री ट्रेन में कोई चालक किसी भी डिब्बे में शौचालय जा सकता है, लेकिन मालगाड़ी के मामले में आपको स्टेशन पर उतरना होगा।”
उन्होंने दावा किया कि उस समय जब वह इंजन से बाहर निकलीं और स्टेशन पर आईं तो कुछ अधिकारी, जो वॉकी-टॉकी संदेशों के माध्यम से पहले से इस अनुरोध के बारे में जानते थे, उन्हें देख रहे थे और उन्हें बहुत असहज महसूस हुआ। कई महिला लोको पायलट ने कहा कि छोटे स्टेशनों के शौचालयों का उपयोग करने के लिए इंजन से बाहर निकलना भी उनके लिए असुरक्षित है, जो आमतौर पर सुनसान इलाकों में स्थित होते हैं।