#SarkarOnIBC24: फिर निकला झीरम का ‘जिन्न’! झीरम कांड का अधूरी जांच पर कांग्रेस मौन क्यों?
रायपुर: Jheeram Kand बीच छत्तीसगढ़ में सत्तापक्ष और विपक्ष में घोटालों, जांच और इनके सियासी इस्तेमाल पर बहस छिड़ गई है। पूर्व CM भूपेश का आरोप है कि भाजपा पिछली कांग्रेस सरकार पर घाटालों की जांच के नाम पर राजनीतिक दबाव बनाती आई है। हर केस में कई-कई FIR हुईं, जांच ऐजेंसियां लगाई गई हैं लेकिन रिजल्ट किसी का भी नहीं आया। पलटवार में बीजेपी ने कहा कि पूर्व CM हड़बड़ाएं ना, सभी में जांच जारी है, सामने आते सुबूतों के आधार पर एक्शन होता जा रहा है। कोई भी बख्शा नहीं जाएगा। सवाल है, प्रदेश में चुनाव के सभी चरण पूरे हो चुके हैं, फिर इस बहस से किसे क्या हासिल होगा, जो आरोप लगाए जा रहे हैं उसमें कितना दम है?
Jheeram Kand 25 मई को, झीरम कांड को 11 साल हो जाएंगे। झीरम कांड झीरम की बरसी के ठीक एक दिन पहले बीजेपी-कांग्रेस में जांच, एक्शन और सियासी मंशा पर बहस का नया मोर्चा खुल गया है। इस बार निशाना साधा पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने, बघेल ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि बीजेपी केवल घोषणा करती है, वो भी सियासी फायदे के लिए भूपेश ने पूछा कि बीजेपी सरकार ने कोयला घोटाला, शराब घोटाला, झीरम कांड, CGPSC सभी मामलों में गडबड़ी का बड़े-बड़े आरोप लगाये, जांच की बात की लेकिन पूरी अब तक कोई भी जांच नहीं हुई। इसी तरह CG पीसीसी चीफ ने भाजपा पर झीरम कांड में साक्ष्य मिटा देने के आरोप लगाए हैं।
विपक्ष के, खासकर पूर्व CM भूपेश के इन आरोपों पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि सारे मामलों की जांच हो रही है,उन्होंने भूपेश पर तंज कसते हुए कहा कि, बघेल जी ने खुद कहा था की झीरम के सबूत उनके जेब में हैं, उनसे आग्रह है की वो सबूत दें दे। बीजेपी नेता कहते है कि कांग्रेस शासनकाल में Sit तो बनी लेकिन जांच नहीं हुई।
झीरम समेत, कोयला, शराब, महादेव सट्टा एप और CGPSC घोटाले की जारी जांच पर सवाल उठाते हुए पूर्व CM भूपेश बघेल ने सीधे-सीधे बीजेपी सरकार को अधूरी जांच और जांच को सियासी हथियार की तरह इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि, सवाल उन पर भी उठाया गया कि झीरम के सुबूत जेब में होने का राग अलापने, SIT बनाने के बावजूद वो भी 5 साल में झीरम जांच पूरी नहीं कर पाए सवाल ये है, सभी मामलों में देश-प्रदेश कि कई जांच ऐजेंसियां FIR, इन्वेस्टिगेशन और सुबूतों के आधार पर लगातार एक्शन ले रही हैं, तो फिर इस पर सियासत क्यों? कौन है जो जारी प्रक्रिया से सियासी लाभ लेना चाहता है?