शहरों का नियोजित विकास और निर्माण सरकार की प्राथमिकता- मुख्यमंत्री श्री बघेल प्रत्येक आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य मुंगेली जिले के लोगों ने भी तन्मयता से सुना मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी
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शहरों का नियोजित विकास और निर्माण सरकार की प्राथमिकता- मुख्यमंत्री श्री बघेल
प्रत्येक आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य
मुंगेली जिले के लोगों ने भी तन्मयता से सुना मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी
मुंगेली सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मासिक रेडियोवार्ता ’नगरीय विकास का नया दौर’ विषय पर आयोजित ‘लोकवाणी’ के चौथी प्रसारण को आज सुबह 10.30 बजे से 10.55 बजे तक मुंगेली जिले के लोगों ने भी तन्मयता से सुना। कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे के निर्देश पर मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को सुनने के लिए जिले में व्यापक व्यवस्था की थी। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को सुनने के लिए जिला मुख्यालय स्थित नगर पालिका के सभाकक्ष में भी व्यापक व्यवस्था की गई थी। जहां नगर पालिका के अध्यक्ष श्रीमती सावित्री सोनी, अपर कलेक्टर श्री राजेश नशीने ने पार्षदगणों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारी-कर्मचारियों और नगरवासियों के साथ मुख्यमंत्री की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को ध्यानपूर्वक सुना।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपनी लोकवाणी के चौथे प्रसारण में कहा कि राज्य शासन द्वारा नगरीय क्षेत्रों के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने सहित विकास और कल्याण के लिए अनेक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि शहरों का नियोजित विकास और निर्माण राज्य शासन की प्राथमिकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास के संबंध में लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का भी जवाब दिया। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ को तरिया, तालाबों, जलाशयों, नदियों-नालों, जलप्रपातों का प्रदेश कहा जाता है। पेयजल और नगर की बसाहट बुनियादी जरूरतें होते हैं। उन्होने कहा कि भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि सतह का पानी रिस-रिसकर जमीन के भीतर जाएं। इस हेतु सरकार ने नियमों में संशोधन करके अब प्रत्येक आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि ‘नरवा, गरवा, घुरवा, बारी’ योजना से शहरों को जोड़ने का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए उन्होने प्रदेश की जनता, स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन, स्वयंसेवी संगठनों से पुराने कुओं की साफ-सफाई कराने की बात कही। उन्होने कहा कि घरेलू पेयजल कनेक्शन से वंचित बीपीएल परिवारों के लिए ‘मिनीमाता अमृतधारा नल योजना’ शुरू की गई है। फिल्टर प्लांट के माध्यम से पैकेज्ड वाटर अर्थात सीलबंद पानी उपलब्ध कराने के लिए ‘राजीव गांधी सर्वजल योजना’ शुरू की गई है। आपदाग्रस्त स्थानों अर्थात जहां भू-जल प्रदूषित है, वहां सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री चलित संयंत्र पेयजल योजना’ शुरू कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह हमारे शरीर में रक्त वाहिकाएं होती हैं उसी तरह शहर की सफाई व्यवस्था नालियों पर निर्भर करती है। जब हम नाली में कचरा डालते हैं तो वहां से पानी बहना बंद हो जाता है। जब पानी नहीं बहता तो गंदे पानी से बदबू, मच्छर, कीड़े-मकोड़े और तरह-तरह की बीमारियां जन्म लेती हैं। उन्होंने घर या दुकान का कचरा नालियों में नहीं डालने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार नगरीय निकायों के चुनावों की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। अब महापौर या अध्यक्ष के दोनों पद प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की तरह एक्जीक्यूटिव पद होंगे। उन्होने कहा कि जब 21 साल में कोई व्यक्ति पार्षद बन सकता है तो मेयर क्यों नहीं बन सकता। उन्होने कहा कि प्रदेश को कुचक्रों से बाहर निकालने में सफलता पाई गई है और अब युवा जोश और ऊर्जा से राजनीति को स्वस्थ बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की वजह से हर क्षेत्र में नये रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। जमीन की गाइड लाइन दर में 30 प्रतिशत की कमी की गई है और छोटे भू-खंडांे के क्रय-विक्रय से रोक हटाई गई है। जिसके कारण लगभग एक लाख रजिस्ट्री हुए। इसी तरह गुमाश्ता लायसेंस के वार्षिक नवीनीकरण में छूट देने जैसे कई कदम उठाए हैं, जिससे कारोबारियों का उत्साह बढ़ा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘पौनी-पसारी’ छत्तीसगढ़ में एक ऐसी बाजार व्यवस्था है, जिसमें आपसी सद्भाव, सहयोग और समरसता के सामाजिक माहौल में सारी आवश्यकताएं पूरी हो जाती हैं। ऐसे अर्थव्यवस्था से बसाहटों में खुशहाली आती है। उन्होने कहा कि इस दीवाली में माटी के दीयों से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दिल्ली भी रोशन हुई है। गांवों, बस्तियों में बने पकवानों की खुशबू और मिठास हर घर में पहुंची है। गांव का पैसा गांव में ही, आपस में एक-दूसरे के काम आता है। हमारा प्रयास है कि हर हाथ को उसकी क्षमता के अनुसार रोजगार मिले, नई उद्योग नीति में इसके लिए समुचित प्रावधान किये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ‘मोर जमीन-मोर मकान योजना’ के तहत सिर्फ 8 हजार मकान बने थे, जबकि 11 महीने में 40 हजार मकान बन गए। इसी तरह ‘राजीव गांधी आश्रय योजना’ का आगाज किया गया और कानून में संशोधन कर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन परिवारों को उनके नाम से पट्टा दिये जा रहे है। उन्होने कहा कि शहरी बस्तियों के लोग अस्पताल नहीं पहुंच पाते इसलिए मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना प्रारंभ किया गया है। जिसका सार्थक परिणाम सामने आया है। उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ के महान जनकवि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा ने जब ‘अरपा-पैरी के धार-महानदी हे अपार….’ गीत की रचना की थी, तब उन्हें पता नहीं था कि यह गीत कैसे-कैसे जन-जन की जुबान में चढ़ेगा और एक दिन ऐसा आएगा कि स्वयं यह गीत राज्य गीत का गौरव पाएगा।
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