MP Politics: नमाज, मीट.. फिर वही दंगल, मालवा में मुस्लिम एंगल! हिंदू सेंटीमेंट और मुस्लिम विरोध पर टिकी चुनावी रण की आखिरी लड़ाई
MP Politics: भोपाल। मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव में आखिरी 8 सीटों की लड़ाई बाकी है। मालवा का मोर्चा है और बीजेपी शत-प्रतिशत रिजल्ट का दावा कर रही है। ऐसे में उसके सारे पुराने हथियार एक बार फिर बाहर आ गए हैं। सीएम ने बेटमा की सभा में नमाज, लाउडस्पीकर और मीट का जिक्र कर एक बार चुनावी रूख को मुस्लिम मुद्दे की ओर मोड़ दिया है। यानी क्रिया, प्रतिक्रिया और ध्रुवीकरण के लिए एक रास्ता खोल दिया है। कांग्रेस कह रही है कि भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है। ये सब इसलिए हो रहा है कि मालवा-निमाड़ में मुस्लिम आबादी सबसे ज्यादा है। ऐसे में क्या मालवा में एक बार फिर चुनाव मुस्लिम फैक्टर के इर्द-गिर्द सिमट गया है?
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मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 13 मई को होना है। इस दिन प्रदेश की उन आठ सीटों पर वोटिंग होगी जहां मुस्लिम वोटर बड़ी भूमिका में हैं। इंदौर और उज्जैन संभाग की जिन 8 लोकसभा में मतदान होना है, प्रदेश की कुल मुस्लिम आबादी का करीब 72 प्रतिशत इन्हीं जिलों में रहती है। जाहिर है इस चरण में मुस्लिम वोटर्स अहम रोल निभाएंगे। यही वजह है कि चुनाव प्रचार के दौरान इस तबके पर खास फोकस है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन इंदौर के बेटमा में रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मुस्लिमों के बहाने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। सीएम ने नमाज और मांस को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा।
MP Politics: प्रदेश के करीब 50 लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाताओं का करीब 70 से 72 प्रतिशत वोट इंदौर और उज्जैन संभाग में मौजूद है। इंदौर, उज्जैन, धार, खंडवा, रतलाम और खरगोन लोकसभा सीट ऐसी हैं, जिनमें कई विधानसभा मुस्लिम बहुल हैं। इसके अलावा देवास और मंदसौर लोकसभा सीट पर भी मुस्लिम वोटर अच्छी तादाद में हैं। ऐसे में हिंदु वोटर्स के ध्रुवीकरण पर भाजपा फोकस कर रही है, तो वहीं कांग्रेस को भी अपने परंपरागत वोटबैंक पर भरोसा है। ऐसे में ये सवाल उठ खड़ा हुआ है कि किया मध्यप्रदेश के चुनावी रण की आखिरी लड़ाई हिंदू सेंटीमेंट और मुस्लिम विरोध पर टिक गई है?