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जानिए सुप्रीम कोर्ट के उन पांच जजों के बारे में, जो अयोध्या मामले पर सुनाएंगे फैसला

   

 

सबका संदेश न्यूज- अयोध्या में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई खत्म हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने बरसों से चले आ रहे इस मामले की सुनवाई 40 दिनों में पूरी की है। अब पूरे देश को कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ फैसला सुनाएगी।

कौन हैं वो पांच जज, जिन्होंने इस मामले की सुनवाई पूरी की, जो इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाएंगे? आगे की स्लाइड्स में पढ़ें उनकी पूरी प्रोफाइल

 

. जस्टिस रंजन गोगोई, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI Ranjan Gogoi)

  • भारत के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अयोध्या मामले पर सुनवाई करने वाली पीठ की अगुवाई कर रहे हैं।
  • जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था।
  • वह देश के 46वें सीजेआई हैं। उन्होंने 1978 में बार काउंसिल ज्वाइन की थी।
  • जस्टिस गोगोई ने अपने करियर की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की। 2001 में वहां जज बने थे।
  • 2010 में पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में जज बने। फिर 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए।
  • वह 3 अक्तूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने थे। 17 नवंबर 2019 तक इस पद से सेवानिवृत्त होंगे।
  • अयोध्या ममाले के अलावा, एआरसी व जम्मू-कश्मीर मामले जैसे कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की है।

. जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ( Justice Dhananjaya Y. Chandrachud)

  • 11 नवंबर 1959 को जन्मे जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रह चुके हैं।
  • जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ ने दिल्ली विवि के सेंट स्टीफेंस कॉलेज और फिर हॉवर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है।
  • वह दुनिया के कई बड़े विश्वविद्यालयों में लेक्चरर भी रह चुके हैं।
  • शुरुआत में कुछ दिन उन्होंने जूनियर वकील के तौर पर काम किया।
  • सुप्रीम कोर्ट से पहले वह बॉम्बे हाईकोर्ट के जज और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
  • 13 मई 2016 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया।
  • देश के पहले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल हैं जिन्हें बतौर जज नियुक्त किया गया।
  • जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सबरीमाला, समलैंगिकता समेत कई बड़े मामलों की सुनवाई की है।

. जस्टिस अशोक भूषण (Justice Ashok Bhushan)

  • जस्टिस अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई 1956 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। 
  • उन्होंने इलाहाबाद विवि से पढ़ाई की है।
  • 1979 में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ज्वाइन किया था।
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट में वकालत कर चुके हैं।
  • 2001 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज बने।
  • 2014 में केरल हाईकोर्ट के जज बने और एक साल बाद यहीं मुख्य न्यायाधीश भी बने।
  • 13 मई 2016 को जस्टिस अशोक भूषण को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।

जस्टिस एस अब्दुल नजीर (Justice S Abdul Nazeer)

  • जस्टिस एस अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक के एक गांव बेलूवई में हुआ था।
  • वहीं महावीर कॉलेज से बीकॉम की डिग्री ली। फिर एसडीएम लॉ कॉलेज, मैंगलोर से कानून की पढ़ाई की।
  • जस्टिस अब्दुल नजीर ने 1983 में कर्नाटक हाईकोर्ट से वकालत की शुरुआत की।
  • आगे चलकर वहीं एडिशनल जज और फिर जज बने।
  • 17 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया।
  • जस्टिस अब्दुल नजीर देश के तीसरे ऐसे जज हैं, जिन्हें किसी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बने बिना ही सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर नियुक्ति मिली।

 

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (Justice SA Bobde)

  • जस्टिस शरद अवरिंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था।
  • उन्होंने 1978 में महाराष्ट्र बार काउंसिल ज्वाइन किया था।
  • बॉम्बे हाईकोर्ट नागपुर बेंच में लॉ प्रैक्टिस की।
  • वर्ष 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने। फिर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) के रूप में नियुक्त हुए।
  • 2013 में जस्टिस बोबडे को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया। वह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।

 

 

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