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प्रवासी मजदूर अभी भी हजारों मील चलने को मजबूर, दस्तावेजों की कमी ने किया ट्रेन से दूर – Migrant workers still forced to walk thousands of miles, lack of documents made train away | nation – News in Hindi

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को देखते हुए देश में लॉकडाउन (Lockdown) को एक बार ​फिर से बढ़ा दिया गया है. लॉकडाउन के तीसरे चरण में कुछ शर्तों के साथ प्रवा​सी कामगारों (Migrant Laborer) को ट्रेन से उनके गृह राज्य भेजने की इजाजत दी गई है. कई राज्यों में ट्रेनें चलने भी लगी हैं लेकिन उसका खास फायदा प्रवासियों को मिलता दिखाई नहीं दे रहा है. अभी भी प्रवासी कामगार अपने घरों के लिए पैदल ही हजारों मील का रास्ता तय कर रहे हैं.

बताया जाता है कि हजारों मील के सफर पर निकले ज्यादातर लोगों के पास ट्रेन में पंजीकरण कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज तक नहीं हैं. ऐसे में दूसरे राज्यों में रह रहे प्रवासी अब और देर नहीं करना चाहते. अपने घर के लिए पैदल निकले मोहम्मद इमरान ने बताया कि वह बुधवार को अपनी गर्भवती पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ राजस्थान के अजमेर से उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद (लगभग 600 किलोमीटर) के लिए निकले हैं. इमरान कहते हैं कि उन्हें कोई गाड़ी मिली तो ठीक नहीं तो वह इस सफर को इसी तरह जारी रखेंगे. इमरान के पिता कहते हैं कि भूख से मरने से तो अच्छा है हम अपने घर की ओर कदम बढ़ाएं.

आधार कार्ड न होने के कारण नहीं हुआ रजिस्ट्रेशन
कई लोग गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अपने घर की ओर पैदल ही निकल पड़े हैं. इन लोगों में ज्यादातर ने पहले ट्रेन से यात्रा के लिए पंजीकरण कराने की कोशिश की थी लेकिन ट्रेन में रजिस्ट्रेशन के लिए उनके पास पूरे दस्तावेज नहीं थे जिसके कारण उन्हें मौका नहीं दिया गया.  गुजरात के सूरत से झारखंड के लिए निकले सूरजभान सिंह ने कहा, मेरे पास आधार कार्ड नहीं था, जिसके कारण मेरा पंजीकरण नहीं हो सका.इसे भी पढ़ें : COVID-19: गुजरात में 24 घंटे में 24 मौतें, एम्स निदेशक अहमदाबाद के लिए हुए रवाना

हेल्पलाइन नंबर हर वक्त रहती है व्यस्त
लुधियाना के राज सिंह ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उन्होंने ट्रेन में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कई बार उत्तर प्रदेश सरकार की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने की को​शिश की लेकिन वह हर समय व्यस्त है. मैं एक सप्ताह से इसके लिए प्रयास कर रहा हूं लेकिन उनका नंबर नहीं लग रहा है.

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साइकिल खरीद जोधपुर से यूपी के लिए निकल पड़े
नीरव कुमार ने राजस्थान के जोधपुर से साइकिल से उत्तर प्रदेश के लिए निकले हैं. नीरव ने बताया कि वह लॉकडाउन से एक दिन पहले ही काम की तलाश में जोधपुर आए थे. अब यहां रहना बहुत मुश्किल होता जा रहा है. भूख से मरने से अच्छा है कि हम अपने घर लौट जाएं भले ही हमें कुछ दिन का वक्त क्यों न लग जाए. उन्होंने कहा कि जिस साइकिल से वह उत्तर प्रदेश जा रहे हैं उसे उन्होंने 1500 रुपये में खरीदा है. नीरव ने बताया कि उन्होंने राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर पंजीकरण किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

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3,000 प्रवासियों ने शुक्रवार को मेंगलुरु रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शन
बता दें कि लगभग 3,000 प्रवासियों ने शुक्रवार को मेंगलुरु रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शन किया और उन्होंने तत्काल अपने-अपने राज्य भेजे जाने की मांग की. ये सभी लोग ये जानकार रेलवे स्टेशन पर उमड़ पड़े क्योंकि इन लोगों को खबर लगी थी कि कर्नाटक सरकार उन्हें उनके राज्य भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने जा रही है. इनमें से ज्यादातर मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के हैं.

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