टारगेट पूरा करने की हडबडी में भारतीय स्टेट बैंक ने मरे हुए व्यक्ति का भी बीमा कर दिया और जब मृत व्यक्ति के परिजन बीमा का क्लेम किए तो उन्हें In the rush to meet the target, the State Bank of India also insured the dead person and when the relatives of the deceased person claimed the insurance, they

तखतपुर टेकचंद कारड़ा
तखतपुर_ टारगेट पूरा करने की हडबडी में भारतीय स्टेट बैंक ने मरे हुए व्यक्ति का भी बीमा कर दिया और जब मृत व्यक्ति के परिजन बीमा का क्लेम किए तो उन्हें यह कहकर क्लेम देने से मना कर दिया गया कि उसका पुराना बीमा नही था। और बीमा के लिए परिजन आफिस दर आफिस भटक रहे है।
बैंकों की ओर से ग्राहकों का प्रधानमंत्री बीमा योजना के अंतर्गत दो तरह का बीमा किया जाता है जिसमें पहला दूर्घटना बीमा जिसमें 12 रूपए की प्रिमियम पर वर्ष की दौरान दूर्घटना में खातेदार की मृत्यु हो जाती है तो उसकी नामिनी को दो लाख रूपए दिया जाता है वहीं जीवन ज्योति बीमा जिसका प्रीमियम 330 रूपए है इसमें खातेदार की किसी भी परिस्थिति में मृत्यु हो जाने पर नामिनी को दो लाख रूपए का भुगतान किया जाता है। खातेदारों को इस बीमाा से अल्प राशि से ही एक मुश्त रकम मृत्यु हो जाने पर नामिनी को मिल जाना इसका सबसे बडा फायदा है। दोनों बीमा में खातेदार को शामिल करने के पहले उसकी सहमति ली जाती है कि वे इस बीमा में शामिल हो रहे है कि नही। 24 अक्टूबर को खातेधारक योगेश पटेल की मृत्यु हो गई और इधर परिजन मृतक के क्रिया कर्म में जुट गए और उधर 2 नवम्बर को स्टेट बैँक की तखतपुर शाखा ने मृतक योगेश पटेल की जीवन ज्योति बीमा का प्रीमियम उसके खाते से काट दिया। मृतक कर्म पूरा करने के बाद परिजन बैंक में पहुंचकर खाते की जानकारी लिए कि इसमें यदि रकम हो तो वे उसे वैधानिक प्रक्रिया पूरी कर निकाल लेंगे। तभी बैंक की ओर से उसके खाते में 11 सौ 44 रूपए एवं जीवन ज्योति बीमा योजना पालिसी की कापी सौंप दी और कहा कि आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने पर बीमा धारक का मृत्यु दावा भुगतान कर दिया जाएगा। पिता ने यह सोचकर कि पहले भी बीमा होगा जिसका नवीनीकरण कर दिया गया होगा इस आधार पर सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इस पर बैंक द्वारा क्लेम फार्म देकर कहा कि भरकर बिलासपुर स्टेट बैंक की शाखा में जमा कर दे। बिलासपुर जाने पर खाते का स्टेटमेंट मांगा गया। जिसमें 2 नवम्बर को 330 रूपए जीवन ज्योति बीमा का प्रीमियम काटा जाना बताया कि जबकि पूर्व में प्रीमियम का उल्लेख नही था इस पर दावेदार को लौटा दिया गया। मृतक के पिता रामावतार पटेल ने जब भारतीय स्टेट बैंक की तखतपुर शाखा में संपर्क किया तो तखतपुर शाखा प्रबंधक दिलीप सिंह राजपूत ने कहा कि शासन के आदेश पर हमने बीमा कर दिया था हमें आपने सूचना नही दी थी कि खातेदार मर गया है। हम आपको खाते में 330 रूपए वापस कर देंगे। मृतक के पिता रामावतार पटेल ने दावा किया है कि बिना सहमति के बीमा कैसे कर दिया गया। अब अगर खाते से राशि काटी गई है बीमा रकम का भुगतान किया जाए।