रिटायर्ड फौजी खेत से सीधा लाकर सड़क किनारे बेच रहा सब्जी, हर सब्जी का रेट है 40 रुपए किलो
झुंझुनूं: ऑर्गेनिक खेती की सब्जियां, फ्रूट्स खाने से शरीर में बहुत से मिनरल्स, विटामिन, प्रोटीन, कैल्सियम, मैग्नीशियम आदि की कमी की पूर्ति होती है. आजकल मार्केट में कृत्रिम रूप से सब्जियां और फ्रूट्स तैयार किए जा रहे है. जिनको खाने से शरीर मे बहुत सी विकृतियां उत्पन्न होती है. कृत्रिम फलों को दवाई लगा के पकाया जाता है. इनमें लगने वाली दवाई हमारी बॉडी में साईड इफेक्ट करती है. तो जितना हो सके ऑर्गेनिक सब्जियो व फल फ्रूट्स का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि इनसे हमारी बॉडी को मिलने वाले विटामिन व मिनरल्स सही मात्रा मे प्राप्त हो सके
6 बीघा में खेती कर रहे रिटायर्ड फौजीऐसे में झुंझुनू के नजदीकी गांव दोरासर में एक शख्स फौज की नौकरी से रिटायर होने के बाद अब ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं. रिटायर फौजी चंदन कुमार सैनी आज ऑर्गेनिक खेती के माध्यम से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है. उन्होंने बताया कि वो ये खेती करीबन 1 साल से कर रहे है. चन्दन ने बताया की पहले फौज मे कार्यरत थे. आज वो अपनी 6 बीघा जमीन मे खेती कर रहे है. इनके यहा टमाटर, ककड़ी, मिर्ची, बैंगन, तुरई आदि सब्जियां और तरबूज, खरबूजे लगा रखे हैं. वे अपनी खेती में किसी भी प्रकार का केमिकल नहीं डालते हैं इन की सब्जियों प्राकृतिक रूप से पकाए जाते है और मार्केट प्राइज पर ही बेचा जाता है.
लोग ताजी सब्जियां की ज्यादा कर रहे खरीदारीचंदन कुमार ने बताया कि कुछ लोग खेत मे आके भी सब्जिया और फ्रूट्स लेके जाते है पर जैसे जैसे पैदावार अच्छी होती गई है. वैसे ही इन्होंने अलग से रोड साइड मे सब्जियां का काउंटर बना दिया . इनके साथ यहा इनकी माताजी और इनकी पत्नी भी काम करती है. चंदन ने इन की कीमत के बारे में जानकारी देते हुए बताया की वे अपने खेत में उगने वाली हर एक सब्जी को ₹40 पर किलो के हिसाब से बेच रहे हैं. वह तरबूज को ₹25 पर किलो के हिसाब से लोगों को बेचते हैं. बहुत से लोग बाजार से सब्जियां खरीदने की बजाय उनके खेत से आकर सब्जियां लेकर जाना पसंद कर रहे हैं बिना किसी बाजार में जाए ही उनकी पूरी सब्जियां यहां पर बिक जाती हैं.