Chhattisgarh Ki Baat: मेनिफेस्टो के इंतज़ार में मतदाता, दोनों पार्टी की गारंटी पर वोटर्स की नजर, किसके वादों में ज्यादा असर, देखे ये रिपोर्ट
रायपुर: ये साल चुनावी है, ये वक्त चुनावी वादों का है साथ ही ये वक्त हिसाब देने का भी है। 2024 के रण में अब दोनों पक्षों के चुनावी वादों के पत्ते खुलने लगे हैं। (BJP-Congress Menifesto Comparison) एक तरफ बीजेपी विरासत से विकास की थीम पर, PM मोदी के GYAN यानि गरीब,युवा,अन्नदाता और नारी इन चार वर्गों के समग्र विकास के वादे के साथ चुनाव मैदान में जा रही है तो कांग्रेस ने भी अपनी 5 गारंटीज के बूते जीत की रणनीति बनाई है। किसके वादे में है दम और किस पक्ष के वादों पर जनता कर सकती है ज्यादा विश्वास इस पर होगी खुलकर बहस।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने घोषणापत्र को नाम दिया, ‘मोदी की गारंटी।’ जिसमें किए वादों पर जनता ने भारोसा जताते हुए मुहर लगायी। तभी से चुनाव मैदान में ‘मोदी की गारंटी’ चल पड़ा है। लोकसभा चुनाव में एक बार फिर गारंटियों का पिटारा खुलने जा रहा है। बीते शनिवार को बीजेपी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में घोषणापत्र समिति बनाई है, इसमें छत्तीसगढ़ से CM विष्णुदेव साय भी हैं। मेनिफेस्टों की थीम, नाम और वादों के प्रमुख आधार तय करने को लेकर हो रही पहली बैठक में शामिल होने जा रहे CM साय ने कहा है इंतजार कीजिए जल्द सब बातें सामने होगीं। माना जा रहा है कि इस बार बीजेपी का मेनिफेस्टो मोदी के मंत्र- GYAN पर आधारित हो सकता है…GYAN…जिसमें G अर्थात गरीब, Y अर्थात युवा, A अर्थात अन्नदाता/किसान और N अर्थात नारी है। प्रदेश के वित्त मंत्री का मानना है कि समाज के विकास में इन चारों प्रमुख वर्गों GYAN का ध्यान रखा जाना बेहद आवश्यक है,यही PM मोदी का मंत्र भी है…जिसका हम सब अनुसरण करते हैं।
वहीं,कांग्रेस का भी विधिवत घोषणा पत्र अभी जारी नहीं हुआ है लेकिन कांग्रेस की 5 प्रमुख गारंटी सामने आ चुकी हैं। इनमें किसानों के लिए MSP गारंटी,महिलाओं को सालाना एक लाख रुपए देने की गारंटी, युवाओं को पहली नौकरी और श्रमिकों के लिए न्याय की गारंटी दी गई है। भाजपा, मोदी के विजन और गारंटी को जन-जन तक पहुंचाने में जी-जान से जुटी है तो PCC अध्यक्ष दीपक बैज बीजेपी को घेरते हुए पूछ रहे हैं कि पहले बीजेपी बताए 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के वादों का क्या हुआ?
चुनावी वादों का लोकलुभावन होना कोई नई बात नहीं है। घोषणापत्र, कभी संकल्प पत्र तो अब गारंटियों के नाम से प्रचारित किए जाने वाले वादों पर जनता की भी नजर है। (BJP-Congress Menifesto Comparison) इस बार बीजेपी ‘विरासत से विकास’ और GYAN पर फोकस कर मोदी की गारंटीज के तहत चुनावी वादे करने की तैयारी में है तो कांग्रेस को अपनी न्याय गारंटियों के जरिए जनता का विश्वास जीतना चाहती है…जनता तक किस पक्ष की गारंटी बेहतर तरीके से पहुंचती है और देश-प्रदेश की जनता किसकी गारंटी पर वाकई भरोसा की मुहर लगाती है ये तो 4 जून को ही स्पष्ट हो पाएगा।