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मुख्य मार्ग के किनारे संचालित हो रही है कबाड़ी दुकान

कभी भी हो सकती है यहां बड़ी दुर्घटना

पुलिस प्रशासन की कार्यवाही है सिफर

राजनांदगांव। राजनांदगांव के अन्दरूनी क्षेत्रों एवं आउटर क्षेत्रों में धड़ल्ले से कबाड़ी की दुकान संचालित हो रही है, जहां बड़ी बड़ी गाडिय़ों के पार्टस आसानी से देखा जा सकता है, और लोहा टीना खरीदी बिक्री खुलेआम की जा रही है। जब भी कबाड़ी दुकानों को पूर्णत: सख्ती से बंद करा दिया जाता है तो गाडिय़ों की चोरी की वारदात ना के बराबर होती है। लोहा टीना के कबाडी का कारोबार प्रतिबंधित होने के बावजूद भी धड़ल्ले से कारोबार खुलेआम संचालित हो रही है, इसका जीता जागता उदाहरण राजनादगांव से खैरागढ़ जाने वाले मुख्य मार्ग एवं चिखली पुलिस चौकी से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर साफ देखा जा सकता है। यह कबाड़ी दुकान को एकदम सडक़ पर ही संचालित है, जिससे हमेशा बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। लगभग दो सौ मीटर की दूरी में फैले इस कबाड़ी दुकान के  कारण आये दिन छोटी मोटी दुर्घटनाएं तो होती ही रहती है। यहां कभी भी बडी दुर्घटना घट सकती है, क्योंकि कबाड़ी दुकान के संचालक द्वारा सडक़ तक कब्जा कर लिया गया है, जिसके कारण यहा यहां आने जाने वाले वाहनों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा यहां कबाड़ी लोड करने के लिए हमेशा कुछ गाडिय़ा सडक के किनारे ही खड़ी रहती है, जिससे रोड और संकरा हो जाता है। इस कबाड़ी दुकान के कारण एक साथ दो गाडिय़ा अगल बगल से नही जा सकती है। इसी तरह यहां से गुजरने वाले राहगीर में से गलती से भी कहीं बीड़ी या सिगरेट का जला हुआ टुकड़ा फेंक दे तो भी यहां भयंकर आग लग सकती है और गंभीर दुर्घटना हो सकती है। सबसे बड़ा प्रश्र तो यह उठता है कि इस मुख्य मार्ग से कई बार शासन प्रशासन व पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी गुजरना पड़ता है लेकिन उसके बावजूद भी सडक किनारे इतनी बडी मात्रा में रखे प्रतिबंधित कबाड और यहां संचालित होने वाली इस कबाड़ी दुकान पर किसी की नजर नही पड़ती। यहां आस पास में चर्चा तो यह भी है कि आने जाने वाले प्रशासिनिक लोग इस कबाड़ी दुकान के देखने के बावजूद भी जान बूझकर अपनी आंख मूंदे हुए है। इस तरह से शासन प्रशासन द्वारा अनदेखी किया जाना समझ से परे है।

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