रायगढ़ की हवा बीमार,आप सतर्क रहें नहीं तो आपके स्वास्थ्य पर हो सकता है बुरा असर

सबका संदेश न्यूज छत्तीसगढ़-रायगढ़ पर्यावरण में प्रदूषण फैलाने के मामले में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और कोरबा को दुनिया के उन टॉप 50 शहरों में शामिल किया गया है,जो सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं। प्रदूषण को लेकर ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट सितंबर में जारी की थी। ये रिपोर्ट नेशनल ऐरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के आंकड़ों के आधार कर तैयार की है। ठस्क्ै मुताबिक प्रदूषण के मामले में कोरबा 17वें व रायगढ़ 48वें नंबर पर है। इन शहरों से निकलने वाले प्रदूषण का असर छत्तीसगढ़ पर पड़ रहा है।
ग्रीनपीस के एनओ-2 उपग्रह डेटा के विश्लेषण में दावा किया गया है कि परिवहन और औद्योगिक क्लस्टर देश के सबसे खराब नाइट्रोजन ऑक्साइड हॉट स्पॉट के हालात पैदा कर रहे हैं। जिससे तरह तरह की बीमारियां फैलने के साथ लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बावजूद अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
ढिमरापुर रोड पर ऐसे ही दिन-रात धूल का गुबार उठता रहता है।
हवा में घुल रहे खतरनाक सूक्ष्म कण
शहर की सड़कों पर उड़ रही धूल और उद्योगों से निकलने वाला धुआं वातावरण को तेजी से प्रदूषित कर रहे है। शहर में इन दिनों हवा में पीएम 10 की मात्रा 100 के सापेक्ष 115.85 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। सांस लेने के दौरान ये कण फेफड़े में जाते हैं और फिर कई गंभीर सांस की और अन्य बीमारियों का खतरा बन जाता है। पीएम को पर्टिकुलेट मेटर कहा जाता है। यह वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। ये इतने छोटे होते हैं कि माइक्रोस्कोप से ही पता लगाया जा सकता है। हवा में पीएम 2.5 की मात्रा 60 और पीएम 10 की मात्रा 100 होने पर ही हवा को सांस लेने के लिए सुरक्षित माना जाता है, पर पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। पीएम 10 में कणों का आकार 10 माइक्रो मीटर होता है। इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रो मीटर या कम होता है। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन व कूड़ा व पुआल जलाने से ज्यादा बढ़ता है। इससे दमा मरीजों को परेशानी होती है।
धूल, धुआं से बचे, मास्क पहन कर निकले
सड़कंे बढ़ा रही प्रदूषण, उद्योगों को निर्देश
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