प्रदेश के गृह मंत्री के गृह नगर में कानून व्यवस्था का हाल बेहाल
महिने भर में आधा दर्जन हत्याएं तो नक्सली बारदात ने खोली कानून व्यवस्था की पोल*
कवर्धा। कबीरधाम जिले के शहरी क्षेत्रों से लेकर वनांचल और ग्रामीण अंचलों में एक के बाद एक सामने आ रहे हत्या के मामलों को देखकर एक बार फिर जिले की कानून व्यवस्था के साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। कवर्धा कृषि उपज मण्डी के पूर्व उपाध्यक्ष चोवा साहू ने जिले में बढ़ते आपराधों पर चिंता जाहिर करने हुए कहा कि जिले में कानून का नहीं बल्कि जंगल राज कायम हो गया है। उन्होने कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार सत्ताशीन हुई है अपराधियों तथा आसामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हैं और वे एक के बाद एक हत्या जैसे संगीन अपराधों को खुलेआम अंजाम दे रहे हैं। हद तो ये है कि प्रदेश के गृहमंत्री के ही गृह नगर में बीते दो महिनो के भीतर जहां 21 जनवरी को जिला मुख्यालय कवर्धा से महज दो किलो मीटर दूर ग्राम लालापुर कला निवासी चरवाहा साधराम यादव की गला रेतकर हत्या कर दी जाती है। वहीं फरवरी महिने मेें क्षेत्रीय सांसद को अज्ञात व्यक्ति द्वारा मोबाईल पर उठा लेने की धमकी दी जाती है। इससे पूर्व वनांचन के कुकदुर थाना क्षेत्र के ग्राम नागाडबरा में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या कर उन्हे जला दिया जाता है और पुलिस इस मामले को अग्री दुर्घटना मानकर हांथ पर हांथ धरे बैठी रहती है। जब जिला कांग्रेस द्वारा मामले की जांच को लेकर दबाव बनाया जाता है तब कहीं जाकर पुलिस हत्या का खुलासा कर आरोपियों की गिरफ्तारी करती है। श्री साहू ने कहा कि हत्या के इन मामलों को लोग भूल भी नहीं पाए थे कि जिला मुख्यालय कवर्धा में ही ठीक पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने निवासरत मां-बेटी की दोहरी हत्या का मामला सामने आ जाता है। चोवा साहू ने पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस कवर्धा शहर तथा जिले के थाना क्षेत्रों में चाकचौबंद कानून व्यवस्था और रात्रि गस्त की बात तो करती है लेकिन पुलिस प्रशासन के इस ढोल में इतना बड़ा पोल है कि कोई भी बाहरी व्यक्ति कवर्धा में आकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से महज कुछ कदमों के फासले में दो महिलाओं की हत्याकर तथा मकान में ताला लगाकर चंपत हो जाता है और पुलिस को भनक तक नहीं लगती। श्री साहू ने कहा कि अगर जिले में नक्सली बारदातों की बात की जाए तो वह भी भाजपा शासनकाल में लगातार बढ़ रही है। कवर्धा में ही बीते दो महिनो में दो बार नक्सलियों की मौजूदगी देखी गई है। उन्होने कहा कि इन तमाम घटनाओं को देखकर समझा जा सकता है कि जिले में कानून व्यवस्था का क्या हाल है।