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बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है स्तन कैंसर का खतरा

बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता है स्तन कैंसर का खतरा

दुर्ग,/ स्तन कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें असामान्य स्तन कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती है और ट्यूमर बन जाती है एवं समय के साथ यह कैंसर का रूप ले लेती है। जिसे स्तन कैंसर कहा जाता है। वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर लगभग 23 लाख महिलाओं को स्तन कैंसर हुआ। जिसमें से 6.85 लाख महिलाओं की मृत्यु हो गयी। स्तन कैंसर वर्तमान में सबसे आम प्रचलित कैंसर है। जो कि युवावस्था के बाद बढ़ती उम्र के साथ इसके होने का खतरा बढ़ जाता है।
वर्तमान में भारत में हर 22 में 1 महिलाओं को स्तन कैंसर के लक्षण हो रहे है जिन्हे सही समय पर जाचं से बचा जा सकता है। हर 01 लाख में 30 महिलाएं स्तन कैंसर से पीडित है। समय पर पता लगने से मृत्यु का खतरा 98 प्रतिशत तक घट जाता है। देश में हर 04 मिनट में 01 महिला को स्तन कैंसर सामने आ रहा है। हर 13 मिनट में 01 महिला की स्तन कैंसर से मृत्यु हो रही है। बढ़ती उम्र, मोटापा, शराब का अत्यधिक उपयोग, पारिवारिक इतिहास, फोपोस्टमेनोपाउसल हार्मोन थैरेपी एवं 40 उम्र के बाद स्तन पर गठानों को अनदेखा कर देने समस्या आगे बढ़ सकती है। स्तन में असामान्य गांठ होना, स्तन के आकार में असामान्य बदलाव, स्तन कैंसर के लक्षण, स्तन में गड्डे एवं लालिमा, निप्पल से असामान्य खून या तरल रिसाव इसके प्रमुख लक्षण है।
असामान्य गांठ वाले स्तन का जांच जरूर कराना चाहिये भले ही उसमें दर्द न हो रहा हो। अधिकतर गांठे स्तन कैंसर नही होती परंतु समय पर जांच होने की दशा में गांठ यदि छोटी अथवा प्रारंभिक अवस्था में हो तो सफलतापूर्वक इलाज की संभावना अधिक बढ़ जाती है। स्तन कैंसर के संभावित कारणों में पारिवारिक इतिहास, मासिक धर्म जल्दी प्रारंभ होना (12 वर्ष से अधिक आयु) और देरी से खत्म होना (54 वर्ष से अधिक आयु), एचआरटी लेने वाली महिलाओं में एवं वे महिलाएं जिन्होंने ने नवजात को स्तनपान न कराया हो न ही गर्भधारण किया हो में स्तर कैंसर की संभावना अधिक होती है। स्तन कैंसर शरीर के अन्य अंगो में फैलकर अन्य लक्षणों को भी जन्म देता है। कैंसर कोशिकाएं फेफड़ो, यकृत, मस्तिष्क एवं हड्डियों सहित अन्य अंगो में फैल सकती है। स्तर 2 एवं 3 के स्तन कैंसर को सर्जरी से, किमोथेरेपी द्वारा इलाज कर इसका संभव इलाज जो कि बहुत ही दर्दनाक होता है, किया जा सकता है। स्तर 01 के कैंसर के लक्षण का पहचान कर इलाज किये जाने की कोशिश की जानी चाहिये।

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