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अयोध्या पहुंचे अमिताभ बच्चन, रामलला के किए दर्शन, चुपके से कर गए ऐसा काम, नहीं होगा यकीन

अयोध्या. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन शुक्रवार को महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट से सीधे रामलला के दरबार पहुंचे और दर्शन-पूजन किया. उन्होंने मंदिर में रामलला को प्रणाम करके उनकी आरती उतारी. 17 दिनों के भीतर यह दूसरा मौका है जब बिग बी अयोध्या पहुंचे हैं. इससे पहले 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी वह शामिल हुए थे. अमिताभ बच्चन ने अयोध्या में अपना आशियाना बनाना चाहते हैं. उन्होंने अभिनंदन लोढ़ा ग्रुप से लगभग 10000 वर्ग फुट जमीन राम नगरी अयोध्या में खरीदी है.

रामनगरी अयोध्या धाम पहुंचे बच्चन ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए. बच्चन ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल हुआ और आज भी अयोध्या पहुंचकर रामलला का दर्शन किया. अब तो अयोध्या आना-जाना लगा ही रहेगा. दरअसल अमिताभ बच्चन ने लोढ़ा ग्रुप के जरिए अयोध्या में एक जमीन भी ले रखी है.

पुरानी बातों को ताजा करते हुए बच्चन ने कहा, ‘जब मैं कहीं जाता हूं तो लोग कहते हैं आप मुंबई रहते हैं, यहां आना-जाना नहीं होगा. कैसे आपके साथ ताल्लुक बढ़ाया जाएगा, तो बाबूजी (हरिबंशराय बच्चन) ने एक बात कही थी वह कहावत भी अवधी में है. हमारी पैदाइश इलाहाबाद की है, हम दिल्ली रहे कोलकाता रहे, मुंबई रहे, आपका ताल्लुक है उत्तर प्रदेश से.’

बाबूजी कहते थे एक कहावत है अवधी में, ‘हाथी घूमे गांव-गांव, जेके हाथी वही कै नाव’, यह सच है कि हम इलाहाबाद में रहे, कोलकाता में रहे, दिल्ली में रहे, मुंबई में रहे लेकिन जहां कहीं भी रहे कहलाए गए छोरा गंगा किनारे वाला. अमिताभ बच्चन ने शहर के सिविल लाइन स्थित एक ज्वेलर्स शोरूम का उद्घाटन भी किया.

अधिकारियों के साथ किया दोपहर का भोजन
अमिताभ दोपहर एक चार्टर्ड विमान से अयोध्या हवाई अड्डे पर पहुंचे. उन्हें दो दिन पहले मुंबई से यहां लाई गई वैनिटी वैन से दर्शन और आरती के लिए राम मंदिर ले जाया गया. बच्चन ने मंदिर परिसर में लगभग आधा घंटा बिताया और रामलला के दर्शन भी किए. राम मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद अभिनेता अयोध्या मंडल के आयुक्त गौरव दयाल के सरकारी आवास पर मीडिया से बचते-बचाते पहुंचे जहां उनके सम्मान में दोपहर भोज का आयोजन किया गया था. अमिताभ ने अधिकारियों के साथ दोपहर का भोजन किया. महानायक अमिताभ बच्चन की यही सादगी दिल जीतने वाली है. बिना किसी शोर-शराबे उन्होंने अधिकारियों के साथ भोजन किया और फिर अपने तय कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

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