Breaking – नगर निगम भिलाई के पार्षद इंजीनियर सलमान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज
भिलाई । सुपेला थाना पुलिस ने भिलाई नगर निगम के पार्षद और उप सभापति इंजीनियर सलमान पिता मोहम्मद सुभान के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। शारदापारा वार्ड 35 छावनी भिलाई निवासी सलमान के ऊपर निगम चुनाव में फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर चुनाव लड़ने का आरोप है। सुपेला पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी, दस्तावेजों का दुरुपयोग, और जानबूझ कर दस्तावेजों में कूट रचना के मामले में धारा 467, 468, 71 एवं 420 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और वार्ड 35 के छाया पार्षद चंदन यादव ने इस मामले में सुपेला थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि साल 2021 में नगर निगम भिलाई का चुनाव सम्पन्न हुआ था, जिसमें इंजीनियर सलमान ने फर्जी व कूटरचित जाति प्रमाण पत्र पेश कर पार्षद पद के लिए चुनाव जीता था। इन्ही फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षित वार्ड से चुनाव जीता है।भोजराज सिन्हा ने कहा है कि भिलाई नगर निगम में कुल 70 वार्ड हैं। इन सभी वार्डों में पार्षद पद के चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग ने वार्डों को आरक्षित किया गया था, जिसके तहत शारदापारा वार्ड 35 को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित रखा गया था। इंजीनियर सलमान के पास अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र नहीं था। इसके बाद भी उसने किसी दूसरे की जाति प्रमाण पत्र पर अपना नाम अंकित करवाकर उसे निर्वाचन आयोग के सामने पेश किया और चुनाव लड़कर आज वहां का पार्षद और निगम का एमआईसी मेंबर है। इस आधार पर सलमान का निर्वाचन फर्जी है। इस बारे में जब उप सभापति इंजीनियर सलमान से बात की गई तो उन्होंने कोई भी जवाब देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।शिकायत में नेता प्रतिपक्ष ने बताया है कि निर्वाचन के दौरान इंजीनियर सलमान ने अन्य पिछड़ा वर्ग जाति प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन आयोग में जमा किया है उसका क्रमांक 363/ब-221/2015-16 है। ये प्रमाण पत्र 15 जून 2016 में बना था। जब एसडीएम दुर्ग के कार्यालय से इस जाति प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई तो इस क्रमांक का जाति प्रमाण पत्र किसी नोमिता देशमुख के नाम पर जारी होने का खुलासा हुआ। इससे साफ है कि इंजीनियर सलमान ने जो जाति प्रमाण पत्र जिला निर्वाचन आयोग में दिया वो फर्जी जाति प्रमाण पत्र है।
मामले में अधिवक्ता अशोक शर्मा ने बताया कि जिन धाराओं में पुलिस ने अपराध दर्ज किया है, उसमें आरोपी को आजीवन कारावास की सजा होना निश्चित है।