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अगर जनरल टिकट लेकर स्लीपर में चढ़ गए तो TTE कितना लेगा फाइन? जानें- क्या है नियम

डेस्क : भारतीय रेलवे देश का सबसे सस्ता और आरामदायक साधन में से एक है। यही वजह है कि ट्रेन भीड़ काफी अधिक होती है। ट्रेन में सफर के लिए लोग महीनों में पहले टिकट बुक कर लेते हैं, ताकि कंफर्म टिकट मिल सके।

लेकिन कई बार इमरजेंसी में कहीं जाना पड़ जाए तो कंफर्म टिकट नहीं मिल पाता है। ऐसे में आज जानेंगे कि क्या यात्री जनरल टिकट लेकर स्लीपर क्लास में सफर कर सकते हैं? तो आइए इसके बारे में जानते हैं।रेलवे आपको यात्रा के लिए कई सुविधाएं देता है। ऐसे में अगर ऐसी स्थिति है तो आप जनरल टिकट लेकर स्लीपर में यात्रा कर सकते हैं। हालाँकि, इसकी कुछ शर्तें भी हैं। दरअसल, सेकेंड क्लास ट्रेन टिकट की वैधता रेलवे एक्ट, 1989 के तहत होती है।नियमों के मुताबिक, अगर यात्रा की दूरी 199 किलोमीटर या उससे कम है तो टिकट की वैधता 3 घंटे तक रहेगी। रेलवे एक्ट के मुताबिक, अगर आपके पास सेकेंड क्लास का टिकट है और जनरल कोच में पैर रखने की जगह नहीं है तो आपको अगली ट्रेन आने तक इंतजार करना होगा, क्योंकि यह टिकट ऐसी यात्रा के लिए है जो किसी खास ट्रेन के लिए आरक्षित नहीं है।

हालाँकि, यदि टिकट की वैधता सीमा के भीतर किसी अन्य ट्रेन का विकल्प नहीं है, तो स्लीपर क्लास में यात्रा कर सकते हैं। हालाँकि, आपको किसी भी खाली सीट पर बैठने का अधिकार नहीं मिलता है। रेलवे एक्ट की धारा 138 के तहत, इस स्थिति में, आपको ट्रेन में प्रवेश करते ही सबसे पहले टीटीई से बात करनी होगी और उसे पूरी जानकारी देनी होगी कि आप किन परिस्थितियों में स्लीपर क्लास में प्रवेश किए हैं।

यदि कोई सीट खाली है तो टीटीई यात्रा की दोनों श्रेणियों के टिकटों के बीच का अंतर लेकर आपका स्लीपर क्लास का टिकट बना सकता है और यदि कोई सीट उपलब्ध नहीं है तो वह आपको अगले स्टेशन तक यात्रा करने की अनुमति दे सकता है।

अगर आप इसके बाद भी स्लीपर क्लास से बाहर नहीं जाते हैं तो 250 रुपये का जुर्माना देकर यात्रा जारी रख सकते हैं। वहीं अगर आपके पास 250 रुपये नहीं हैं तो टीटीई आपका चालान बनाएगा जिसे आपको बाद में कोर्ट में जमा करना होगा।

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