सिविलियन की मांग तेज हुई-विद्यासागर
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फिर संविलियन को लेकर आवाजें तेज होने लगी
क्योकि प्रदेश के मुखिया ने वादा जो किया था।
दरअसल विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि, अगर उनकी सरकार बनती हैं तो शीघ्र ही 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जायेगा तब से ही संविलियन की मांग भारी जोर-शोर से की जा रही है। तथा इधर बिना संविलियन किये सरकार के द्वारा नई रेगुलर पदों मे भर्ती करने से भी शिक्षाकर्मी काफी खफा हैं क्योकि 6-7 सालों से सेवा देते आ रहे शिक्षाकर्मी नये भर्ती वाले शिक्षकों से जूनियर हो जायेंगे।
जुलाई 2018 और जुलाई 2019 में पुराने शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया गया हैं। तथा जनवरी 2019 में 8 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन किया जाना है ऐसे में मजह लगभग 20-22 हजार शिक्षाकर्मी ही शेष रह जाएँगे।
*दिवाली के अवसर पर संविलियन मांगने शिक्षाकर्मी कर रहें हैं अनूठी पहल* – संविलियन अधिकार मंच के माध्यम से किसी ने संविलियन रंगोली बनाई तो किसी ने पेंटिंग बनाकर गुहार लगाई, किसी ने गीत गाकर तो किसी ने महेंदी लगाकर आवाजें उठाई हैं। तथा ट्वीटर, फेसबुक, यू टयूब जैसे अन्य सोशल संचार के माध्यम से भी लगभग पूरे प्रदेश के सभी संविलियन से वंचित शिक्षाकर्मी गुहार लगाते नजर आ रहे हैं। इस दीवाली *संविलियन दीप* जला कर संविलियन कि विनती कर शिक्षाकर्मी मांग पूरी होने की आस लगा रहे हैं।
ईधर नई भर्ती के सम्बन्ध में हाई कोर्ट में याचिका भी लगी हुई जिससे भी भर्ती प्रक्रिया बाधित हो सकती है। अधिकांश शिक्षाकर्मियों का भी नाम चयन सूची में होने की वजह से भी पहले के पद रिक्त हो जाने से पुनः शिक्षा व्यवस्था बाधित हो सकती है। साथ ही 50 प्रतिशत पद प्रमोसन के लिए भी आरक्षित किया जाना चाहिए था परन्तु इस पर भी कोई स्पष्टता नही है।
ऐसे में शिक्षाकर्मियों को पूरी उम्मीद हैं की उनका संविलियन किया जायेगा।।
विद्यासागर यदु, व्याख्याता पंचायत