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वर्ष 2023 के चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत में कुल 5,54,282 प्रकरण निराकृत ऑर्डर राशि 283076458.23 रूपए रही

वर्ष 2023 के चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत में कुल 5,54,282 प्रकरण निराकृत ऑर्डर राशि 283076458.23 रूपए रही

दुर्ग, 16 दिसम्बर 2023/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन तथा श्रीमती नीता यादव जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के निर्देशन में जिला न्यायालय एवं तहसील व्यवहार न्यायालय में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसके तहत जिला न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3, व्यवहार न्यायालय पाटन एवं व्यवहार न्यायालय धमधा तथा किशोर न्याय बोर्ड श्रम न्यायालय स्थाई लोक अदालत जनउपयोगी सेवाएं राजस्व न्यायालय एवं उपभोक्ता फोरम दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मां सरस्वती के तैलचित्र पर श्रीमती नीता यादव जिला न्यायाधीश दुर्ग द्वारा माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर प्रातः 10.30 बजे किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में श्री सिराजुद्दीन कुरेशी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय दुर्ग श्री संजीव कुमार तमक प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश  दुर्ग श्री राकेश कुमार वर्मा द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्ग के अलावा जिला अधिवक्ता संघ दुर्ग के अध्यक्ष सुश्री नीता जैन एवं अन्य पदाधिकारीगण, न्यायाधीशगण, अधिवक्ता तथा विभिन्न बैंक के प्रबंधक उपस्थित थे।
नेशनल लोक अदालत में कुल 31 खंडपीठ का गठन किया गया परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु दो खंडपीठ जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 22 तहसील न्यायालय भिलाई तीन में दो खंडपीठ तहसील पाटन हेतु एक खंडपीठ तहसील न्यायालय धमधा में एक खंडपीठ किशोर न्याय बोर्ड हेतु एक श्रम न्यायालय हेतु एक तथा स्थाई लोक अदालत जनउपयोगी सेवाएं दुर्गा के लिए एक खंडपीठ का गठन किया गया इसके अतिरिक्त राजस्व न्यायालय में भी प्रकरण का निराकरण हेतु खंडपीठ का गठन किया गया था। उक्त नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य डांडिक सिविल परिवार मोटर दुर्घटना दावा से संबंधित प्रकरण रखे गए तथा उनका निराकरण आपसी सुलह समझौता के आधार पर किया गया। इसके अलावा बैंकिंग संस्था विद्युत एवं दूरसंचार से संबंधित  लिटिगेशन प्रकरणों का भी निराकरण किया गया। लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के आपसी राजीनामा के प्रकरण का शीघ्र निराकरण होता है इसमें ना तो किसी की हार होती है नहीं किसी की जीत होती है। आज आयोजित नेशनल लोक अदालत के अवसर पर कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग के सहयोग से जिला न्यायालय परिषद दुर्ग में आने वाले पक्षकारों के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु एक दिवसीय निशुल्क स्वास्थ्य जहां शिविर का आयोजन किया गया जिसमें उक्त विभाग की ओर से डॉक्टर श्रेया द्विवेदी श्री दुष्यंत वर्मा श्री मोहन राम महिमा वैष्णव स्टाफ नर्स एवं श्री मुकेश साहू के द्वारा सेवाएं प्रदान की गई। उक्त आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य जहां शिविर में कोर्ट भ्रमण के दौरान पक्षकारों और बैंक प्रबंधकों से रूबरू होते हुए माननीय जिला न्यायाधीश श्रीममी मिता यादव के द्वारा अपने स्वास्थ्य की जांच परीक्षण कराया गया। इसके अलावा स्वास्थ्य जांच शिविर में अन्य न्यायिक अधिकारीकरण अधिवक्ता करने में बड़ी संख्या में आप जनों के द्वारा अपने स्वास्थ्य का परीक्षण कराया गया और बहुत आयत संख्या में लोग लाभान्वित हुई हैं। वर्ष 2023 के चतुर्थ एवं अंतिम नेशनल लोक अदालत में कुल 6809 न्यायालय प्रकरण तथा कुल 48619 फ्री लिटिगेशन  निराकृत हुए हैं जिनमें कुल समझौता राशि 283076458.23 रहा। इनमें बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कुल 53 मामले निराकृत हुए जिनमें समझौता राशि लगभग 6680082.66 रुपए रही इसी क्रम में लंबित निराकृति कोई प्रकरण में 788 प्रश्न डांडिक प्रकरण क्लेम के 78 प्रकरण पारिवारिक मामले के 240 चेक अनाधारण के 435 मामले व्यवहारवाद के 84 मामले श्रम न्यायालय के कुल 20 मामले तथा ईसाई लोग अदालत जल उपयोगी सेवाओं के कुल 1004 मामले में निराकृत हुए।
उक्त नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण निम्नलिखित है- चिकनी लोग से पीड़ित एवं संतान नहीं होने से पत्नी से पृथक रह रहे पति-पत्नी एक हुए मामला खंडपीठ क्रमांक एक के पिताजी अधिकारी श्रीमान सिराजुद्दीन कुरेशी प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय दुर्ग का है जिसमें पति के द्वारा अपनी पत्नी के विरुद्ध विवाह विच्छेद का मामला प्रस्तुत किया गया था उनके दांपत्य जीवन में कोई संतान नहीं हुआ था तथा पत्नी सीकरी रोग से ग्रसित थी। इलाज के बाद भी पत्नी को लाभ नहीं हुआ तथा पति-पत्नी में छोटी-छोटी बातों को लेकर विवाद विवाद होने लगा पत्नी मायके में रहने चली गई तथा वर्ष 2020 से पत्नी अपने पति से पृथक निवास करने लगी थी मामला न्यायालय के समक्ष आने पर आज नेशनल लोक अदालत में सुनवाई की गई जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा दोनों पति-पत्नी को समझाइए जिस पर पत्नी अपने पति के साथ रहने को तैयार हो गई तथा पति भी अपनी पत्नी को रखने हेतु सहमति जाहिर किया इस प्रकार दोनों खुशहाल जीवन जीने राजी खुशी वापस घर गए। दूसरा मामला कंप्लीट कमल तीन के पीठासीन अधिकारी से राकेश कुमार वर्मा द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गा के खंडपीठ में भिलाई स्टील प्लांट विरुद्ध मिथुन एलाइंस लिमिटेड का एक मामला था जो विगत 6 वर्षों से लंबित था और तुम मामले में माननीय न्यायालय के समझाइए सुक्रांत आपसी राजी नमक से मामला समाप्त हुआ जिसमें न्यायालय द्वारा 3063937 रुपए अवार्ड पारित किया गया।

खंडपीठ क्रमांक 22 के पीठासीन अधिकारी कुमारी पायल टोकनी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी दुर्ग के खंडपीठ में ग्राम चिरकुट थाना अंडा क्षेत्र अंतर्गत धारा 294 323 506 भारतीय दंड संहिता के एक मामले में जिसमें प्रार्थी का ग्राम सरपंच से गांव में पानी की समस्या को लेकर हुए वाद विवाद गाली गलौज मारपीट के एक मामले में न्यायालय की समझाइए इस पर प्रार्थी व अभियुक्त के माध्यम से आपसे राजी नमक से प्रकरण का निराकरण कर मामला समाप्त किया गया जिसके कारण दोनों पक्षकारों में पूनम मधुर संबंधी स्थापित हुआ और वह राजी खुशी एक साथ रहने अपने ग्राम वापस लौट गए। नेशनल लोक अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ प्रकरण का राजीनामा अर्पित कमल साथ के पीठासीन अधिकारी श्री संतोष ठाकुर मुख्य नायक मजिस्ट्रेट दुर्गा के खंडपीठ में थाना दुर्ग क्षेत्र अंतर्गत धारा 294 323 506 भारतीय दंड संहिता के एक मामले में जिसमें अभियुक्त शराब पीकर प्रार्थियों के निवास स्थान के पास गाली गलौज करता था मारपीट करता था के मामले में 75 वर्षीय वृद्ध प्रार्थना महिला आज नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में आने में असमर्थता जाहिर करने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्गा के सहयोग से न्यायालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रार्थना व आरोपीलांद के मध्य आपसी राज्य नमक से प्रकरण का निराकरण कर मामला समाप्त किया गया भारतीय द्वारा घर बैठे उसका प्रकरण समाप्त होने से उसने न्यायालय को आभार व्यक्त किया है इसी दौरान इसी प्रकरण में अन्य आहट महाराष्ट्र राज्य में निवासरत होने के कारण न्यायालय आने में असमर्थ था जिसे भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क कर उसकी सहमति प्राप्त कर प्रकरण को आपसी राज्य नमक होने के कारण समाप्त किया गया जिससे कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की मनसा में आपके द्वारा पूर्ण हुई
‘‘लोक अदालत का सार ना किसी की जीत न किसी की हार‘‘

 

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