अधूरे मिनी स्टेडियम को पूरा कराने के इरादे को लगा झटका, A shock to the intention of completing the incomplete mini stadium

कब्जा छोडऩे कुंदरापारा वालों को नहीं मना सके मंत्री
पीएम आवास के बजाए मांगा बगल की खाली भूखंड
भिलाई / दो दशक से अधूरे भिलाई-3 के मिनी स्टेडियम को भिलाई-चरोदा निगम द्वारा पूरा कराने के हाल के दिनों में प्रदर्शित की गई इरादे को झटका लगा है। स्टेडियम निर्माण में बाधा बनी कुंदरा पारा के लोगों को कब्जा छोडऩे के लिए मंत्री गुरु रुद्रकुमार का मनाने का प्रयास असफल रहा। रहवासियों ने प्रधानमंत्री आवास के बजाए बस्ती के नजदीक खाली पड़ी जमीन पर व्यवस्थापन करने की मांग मंत्री के समक्ष रखी है। भिलाई-3 के मिनी स्टेडियम को पूर्णता देने की योजना एक बार फिर उलझता दिख रहा है। वर्ष 1998 में तात्कालीन साडा द्वारा इस मिनी स्टेडियम का निर्माण शुरु किया गया था। लेकिन आज तक इसे पूर्णता नहीं मिल सकी है। इसके लिए यहां की कुंदरा पारा बस्ती को जिम्मेदार माना जाता रहा है। हाल ही में झुग्गी मुक्त शहर की परिकल्पना को साकार देने के लिए नगर निगम ने उमदा में बने प्रधानमंत्री आवास में कुंदरापारा बस्ती के रहवासियों को बसाने की योजना तैयार की। इसी योजना को क्रियान्वयन करने स्थानीय विधायक व मंत्री गुरु रुद्रकुमार कुंदरापारा आये और बस्ती वालों को प्रधानमंत्री आवास में जाने का आग्रह किया। लेकिन लोग नहीं माने। बस्ती वालों ने मंत्री गुरु के समक्ष अपनी शर्ते रख दी, जिससे मिनी स्टेडियम को हाल फिलहाल पूर्णता मिलने पर संदेह उभर आया है। कुंदरापारा के लोगों ने मंत्री गुरु से कहा कि उनके जीविकोपार्जन की निर्भरता बस्ती के आसपास रही है। उमदा के प्रधानमंत्री आवास में जाने से यहां के लोगों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बेहतर होगा कि मिनी स्टेडियम का दायरा सीमित कर दिया जाए। मिनी स्टेडियम के दायरे के छोटा करने से कुछ लोगों का आशियाना बच जाएगा और जिनके मकान तोड़े जाएंगे उन्हें राम मंदिर के बाजू में खाली पड़ी जमीन पर व्यवस्थापन किया जाए। बताया जाता है कि बस्ती वालों की शर्तों को सुन मंत्री गुरु रुद्र कुमार ने बीच का रास्ता निकालने एक प्रतिनिधि मंडल को अपने राजधानी स्थित कार्यालय में आमंत्रित किया है। मंत्री के कुंदरापारा के लोगों के साथ हई चर्चा के दौरान निगम आयुक्त कीर्तिमान सिंह राठौर, सभापति विजय जैन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रकाश लोहाणा, सुजीत बघेल, एलबी वर्मा भी मौजूद थे। वर्तमान मुख्यमंत्री ने किया था प्रयास भिलाई-3 में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए वर्ष 1998 में तात्कालीन विधायक एवं साडा सदस्य के रूप में मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेष प्रयास किया था। उस वक्त बस्ती में सतनामी समाज की बहुलता व जैतखाम्ब होने के चलते समाज से ताल्लुक रखने वाले तात्कालीन मंत्री डीपी धृतलहरे को बुलाया गया था। तब बस्ती वालों ने विश्वबैंक कालोनी के समीप व्यवस्थापन वाले इलाके और मिनी स्टेडियम का नाम गुरु घासीदास के नाम पर रखने का शर्त रखकर कब्जा छोडऩे की सहमति दी थी। आधा कब्जा हटने के बाद काम शुरू हो गया। लेकिन साल भर के बाद साडा भंग होकर नगर निगम के अस्तित्व में आने के बाद निर्माण कार्य बंद हो गया। बाद में नगर पालिका ने स्टेडियम के नाम पर गायत्री पारा और राष्ट्रीय राजमार्ग की दिशा में दुकानों का निर्माण कराकर नीलाम कर दिया। लेकिन कार्य में निरंतरता नहीं होने से बस्ती के खाली जगहों पर फिर से अतिक्रमण हो जाने से मिनी स्टेडियम को पूर्णता दिए जाने का कार्य अटका हुआ है ।