पांच वजहें जिसके चलते विष्णु देव साय के सिर सजने जा रहा मुख्यमंत्री का ताज
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रायपुर. आखिरकार छत्तीसगढ़ राज्य को अपना नया मुख्यमंत्री मिल ही गया. 10 दिसंबर को बीजेपी की विधायक दल की बैठक ने पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय को निर्विरोध अपना मुखिया चुन लिया. बीजेपी छत्तीसगढ़ में ऐसा नेता ढूंढ रही थी, जो आदिवासी हो और उसकी राज्य में पकड़ हो. इसके बाद राज्य और केंद्र नेताओं ने इस बात पर मंथन शुरू किया. मंथन के बाद 59 साल के विष्णुदेव साय का नाम उभर कर सामने आया. बता दें, साय को चुनने के पीछे 5 प्रमुख वजहें हैं. पहली वजह है कि वे निर्विवाद आदिवासी चेहरा हैं. दूसरा, उन्हें राजनीति में 30 साल का अनुभव है. तीसरा, उनका आरएसएस से बेहतर कनेक्शन है. चौथा उनका केंद्रीय मंत्री के तौर पर किया गया सराहनीय काम और पांचवां उनकी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत केंद्रीय नेतृत्व से करीबी है.गौरतलब है कि चुनाव के परिणाम आने के बाद बीजेपी में मुख्यमंत्री को लेकर कई नेताओं के नाम सामने आए. इनमें कुछ गैर आदिवासी और आदिवासी चेहरे भी शामिल थे. पूर्व मंत्री लता उसेंडी, गोमती साय, पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव के नाम की चर्चाएं थीं. इन सबके बीच चर्चा के बाद फिर विष्णुदेव साय का नाम निकलकर सामने आया. विष्णुदेव साय के रूप में बीजेपी की आदिवासी चेहरी की तलाश पूरी हो गई. साय के पास राज्य के साथ-साथ केंद्रीय राजनीति का भी अच्छा अनुभव हैकिसान परिवार में पैदा हुए साय
बता दें, विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के बगिया गांव के रहने वाले हैं. वे किसान परिवार से हैं. उनका पूरा नाम विष्णुदेव गनपतराव साय है. उनका राजनीतिक करियर 1989 में शुरू हुआ. वे पहली बार में ही पंच बन गए थे. 1990 में गांव में उन्हें बिना किसी विरोध के सरपंच चुन लिया गया था. साय अविभाजित मध्य प्रदेश में विधायक भी बने. उन्होंने 1990 से 1998 तक तपकरा से न केवल चुनाव लड़ा, बल्कि जीते भी.1999 में बने सांसद
साय ने 1999 में रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद का चुनाव लड़ा और जीत गए. इसके बाद, उन्होंने 13वीं और 15वीं लोकसभा के लिए भी सांसद के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. साय 2006 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने. उन्होंने पार्टी के प्रदेश स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसके बाद विष्णुदेव साय लगातार आगे बढ़ते गए और 2014 में 16वीं लोकसभा के लिए वे फिर से रायगढ़ से सांसद बने. इस बार केंद्र में मोदी सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया गया था.विष्णुदेव साय 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे. पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया. इसके बाद विष्णुदेव साय 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया. विष्णुदेव साय 2020 में भी छत्तीसगढ़ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है. विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया है.