छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में 10 साल में पहली बार, केस पेंडेंसी 1.47% कम, निपटान में 29.46% की वृद्धि
बिलासपुरः छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक नए युग में प्रवेश किया है, जहां हाल ही में मामलों का निपटारा एक नए तरीके से किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पहली बार कुल लंबित मामलों की संख्या बढ़ने की बजाय कम हो रही है. यह एक ऐतिहासिक परिवर्तन है जो पिछले 10 सालों में पहली बार हुआ है. इस उन्नति के कारण, मामलों का शीघ्र निपटारा होने से आम जनता को बहुत सारे लाभ हो रहे हैं.अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने सात महीने के संक्षेप कार्यकाल के दौरान ईमानदार और प्रतिबद्ध प्रयासों के माध्यम से मामलों के त्वरित निपटान में बहुत बड़ी प्रगति की हैं. वर्ष 2022 में, इस अवधि के दौरान लंबित मामलों में 6.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जो पिछले 10 वर्षों में पहली बार हुआ है. इसके साथ ही, लंबित मामलों में 1.47 प्रतिशत की कमी आने का आंकड़ा भी है.
CJ ने किया कमाल
चीफ जस्टिस ने सिंगल बेंच में कुल 2117 और डिवीजन बेंच में 4381 मामलों का निपटारा किया है. उनके पूरे कार्यकाल में उन्होंने कुल 29,940 मामलों के निपटारे में से मुख्य न्यायाधीश ने 6498 मामलों का निपटारा किया है, जिससे कुल मामलों के निपटान का 22 प्रतिशत हुआ है. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि मुख्य न्यायाधीश एक कुशल टीम के साथ काम कर रहे हैं, जो संघर्ष के साथ उच्च मामलों को निपटारे में लाने के लिए समर्थ हैं.उच्च न्यायालय एक टीम के रूप में सहयोग करता है और सभी न्यायाधीश लंबित मामलों को समझौता करने के उद्देश्य से सहयोग करते हैं, जिससे अब सार्थक परिणाम मिल रहे हैं.